यह किला कन्याकुमारी शहर के उत्तर पूर्व में लगभग 6 किमी की दूरी पर है। वट्टाकोट्टाई किले को 18वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था और ट्रैवेनकोर राजाओं द्वारा निर्मित किये जाने वाले तटीय किलों में अन्तिम था। वट्टाकोट्टाई किले की दीवारों की ऊँचाई लगभग 25 फीट है और सामने की तरफ की मोटाई 29 फीट है। किले को डच जलसेना अधिकारी डी लेनॉय द्वारा निर्मित किया गया था।
किला पत्थरों का बना है और किले में आरामकक्ष, वॉचटावर और आयुधकक्ष स्थित है। किले के अन्दर की दीवारों पर मछली का आकृतियाँ बनी हैं जो पाण्ड्य राजाओं का चिह्न था। पुरातत्ववेत्ताओं द्वारा यह भी कहा जाता है कि यह किला पूर्व में पाण्ड्य राजाओं के अधीन था। पहले पद्मनाभपुरम पैलेस किले की चोटी से साफ दिखता था।
पूर्व में किले से पैलेस तक 1.2 मीटर चौड़ी एक सुरंग थी, लेकिन अब यह बन्द हो गई है। किले के ऊपर स्थित परेड ग्राउन्ड से पर्यटक समुद्र को देख सकते हैं। परेड ग्राउन्ड के एक तरफ से बंगाल की खाड़ी का पानी देखा जा सकता है जबकि दूसरी ओर से अरब सागर का शान्त जल दिखता है।