कोलार जिले की यात्रा करने वाले पर्यटकों को अवनी गाँव की सैर करने की सलाह दी जाती है जो अपने रामलिंगेश्वर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। अवनी को दक्षिण का गया कहा जाता है जो कोलार की सोने की खदानों से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस गाँव में देवी सीता को समर्पित एक मंदिर भी है। यह देवी को समर्पित दुर्लभ स्थानों में से एक है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी सीता ने अवनी गाँव में लव और कुश को जन्म दिया था तथा इसी स्थान पर भगवान राम और उनके पुत्रों के बीच युद्ध हुआ था। पर्यटकों को उस कक्ष (वाल्मिकी आश्रम) को देखने का अवसर मिलता है जहाँ लव और कुश का जन्म हुआ था। स्थानीय विश्वास के अनुसार यह स्थान वाल्मिकी (रामायण महाकाव्य के रचयिता) का निवास स्थान था।
अवनी की सैर करते समय पर्यटकों को यहाँ एक मठ मिलता है जिसका नाम अवनी श्रृंगेरी जगद्गुरु शंकराचार्य शारदा पीठम है। इस मठ की स्थापना श्री नरसिंह भारती IV (चतुर्थ) ने की थी जब उन्होंने अवनी में रहते हुए देवी शारदा की मूर्ति की खोज की। मठ के अंदर मूर्ति खड़ी स्थिति में है तथा इसके निकट श्रीचक्र और श्रीमाजगद्गुरु शंकराचार्य स्थित हैं। अवनी की सैर की योजना बनाने वाले पर्यटक ट्रेकिंग और रॉक क्लायम्बिंग का आनंद उठा सकते हैं।