कवरत्ती लक्षद्वीप द्वीप समूह में मज़ा करने का केंद्र बन गया है। भारत के मुख्य भूमि कोचीन के तट से लगभग 360 किलोमीटर और अगाती जो की लक्षद्वीप का घरेलू हवाई अड्डा है से 50 किलोमीटर से थोड़ी अधिक दूरी पर है , कवरत्ती मुख्य भूमि से नाव द्वारा और अगट्टी से हेलिकॉप्टर और नाव सेवाओं द्वारा जुड़ा है। कावारत्ती लक्षद्वीप द्वीप समूह की राजधानी और मुख्यालय है।
एक छोटे सी बस्ती कवरत्ती 10,000 से अधिक निवासियों के साथ पानी के खेल, खरीदारी और संग्रहालयों और मस्जिदों जैसे कुछ विरासत स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। कवरत्ती के समुद्र तट भी हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं और भोजनालय और कुटिया में परोसे जाने वाले समुद्री भोजन लाजवाब हैं! ये द्वीप चारों ओर से 4.22 वर्ग किलोमीटर का है जिसको देखने में अधिक समय नहीं लगता यहाँ की सड़कें बहुत अच्छी हैं आप यहाँ किराये की बाइक लेके बीच की सैर कर सकते हैं ।
चाहे आप एक कुशल तैराक हो या नहीं लेकिन यहाँ आने के बाद आप अपने को तैरने से नहीं रोक पाएंगे । यहाँ आने के बाद आपकी तैरने की भूख अपने आप बढ़ जायगी । यहाँ स्थित समुद्री संग्रहालय और मछलीघर जलीय नमूनों की एक विस्तृत विविधता दर्शाते हैं। स्कूबा गोताखोर यात्रा का भी समय समय पर आयोजन किया जाता है।
अगर आप गोताखोर शिविर में हैं और अधिक दूरी की यात्रा नहीं करना चाहते तो बिना श्वास नली के भी डाइविंग कर सकते हैं । यहाँ आकर आप समुन्द्र के अन्दर रहने वाले जीवों और मूंगे की चट्टानों को बड़ी ही आसानी से देख सकते हैं । अगर आप पानी से घबराते हैं तो आपको यहाँ तली पर शीशा लगी नौकाएँ मिल जाएंगी जिनसे आप जलीय जीवन को निहार सकते हैं। पानी के और खेलों के लिए आप डॉल्फिन डाइव सेंटर की भी यात्रा कर सकते हैं।
लक्षद्वीप द्वीप समूह में मुख्य रूप से मुस्लिम जनसंख्या होने के कारण, यहाँ ईद उल फितर बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। अक्टूबर के महीने में उत्सव गतिविधि के साथ यहाँ प्रसिद्ध उज्र मस्जिद जिसे शेख मोहम्मद कासिम द्वारा 17वीं सदी में बनवाया गया था में काफी हलचल रहती है । यहाँ के अन्य लोकप्रिय पर्वों में ओणम भी शामिल है जिसे यहाँ के लोगों द्वारा अगस्त और सितम्बर के बीच में मनाया जाता है।
कवरत्ती के सफेद रेतीले समुद्र तटों ने कई सालों से लोगों कि दृष्टी खिची है और उष्णकटिबंधीय छुट्टी के चाहने वाले हजारों लोगों को अपनी और आकर्षित किया है । यहाँ आकर आप यहाँ के नीले - हरे पानी में डुबकी ज़रूर लगाइए । ये जगह आज भी व्यवसायीकरण से अछूती होने के कारण शांति पसंद लोगों को अपनी और आकर्षित करती है ।