सुहेली पर एक द्वीप समूह है जिसमे सुहेली वलियाकारा और सुहेली चेरियाकारा, दो छोटे द्वीप शामिल हैं, जो अगट्टी द्वीप के लगभग 75 किलोमीटर दक्षिण में स्थित हैं। इन दो द्वीपों के परिभाषित विशेषता ये है की इनमें से एक बड़ा अंडाकार आकार का लैगून है जो हरे रंग के अपरिवर्तित समुद्री जीवन को दुनिया के समक्ष दिखाता है।
इन दो द्वीपों के बीच एक लंबी पतली रेत की कतार है जिसे सुहेली पिट्टी के नाम से जाना जाता है। जो यहाँ रहने वाले कई पक्षियों की प्रजनन भूमि है। सुहेली पर अक्टूबर से अप्रैल महीने तक टूना के लिए एक प्रसंस्करण केंद्र लगता है जिसके चलते आस पास के इलाकों के सैकड़ों मछुवारे यहाँ अपना डेरा जमा लेते हैं इस दौरान इन लोगों की अस्थाई बस्तियां यहाँ देखी जा सकती हैं।
अगर सच में आप तनहाई और सुकून को खोज रहे हैं तो यहाँ एक बार आइये जरूर, यहाँ की सफ़ेद सुन्दर रेत पर बैठे हुए समुन्द्र को निहारना आने वाले पर्यटक को एक अलग ही प्रकार का दैवीय सुख देता है। अगर आप को यहाँ सच में आना है तो जब आप यहाँ आने का प्लान बना रहे हों उससे कुछ समय पहले ही यहाँ आने के लिए सोच लीजिये । इस उष्णकटिबंधीय तट की यात्रा स्वर्ग से कम नहीं है ।