राजा प्रहलादन द्वारा स्थापित और परमार राजपूत साम्राज्य का एक हिस्सा, पालनपुर वर्तमान में बनसकंठा जिले का मुख्यालय है। एक समय में अंग्रेजों के शाशन काल में लोहानी अफ़ग़ान के अधीन यह गुजरात के राजसी रियासत के तौर पर मशहूर था। उस समय पालनपुर एजेंसी ने गुजरात- राजस्थान बॉर्डर पर कुछ राज्यों को अपने अन्दर सम्मिलित कर लिया था।
इस जगह के एक तरफ अरावली रेंज है और दूसरी तरफ साबरमती नदी है। इस शहर में एक किला हुआ करता था जिसके सात द्वार थे पर वर्तमान में यह जीर्ण-शीर्ण हालत में है। शिमला गेट, दिल्ली गेट, मीरा गेट और गथामन गेट उन सात गेट में से कुछ गेट हैं। ऐतिहासिक स्मारक जैसे कीर्तिस्तंभ, जोरावर महल, बलराम महल पालनपुर के बीते हुई गौरव का संस्मरण है।
पालनपुर और उसके आस पास के दर्शनीय स्थल
इस जगह पर हिन्दू और जैन धर्म के कई मंदिर हैं। पल्लाविया पार्श्वनाथ मंदिर या मोटू देरासर जिसे राजा प्रह्लादन ने बनवाया और नानू देरासर, पालनपुर के महत्वपूर्ण जैन मंदिर हैं। कीर्तिस्तंभ के पास स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर और मोटा रामजी मंदिर हिन्दू धर्म के मंदिर हैं। पालनपुर से काफी पास कुछ हिन्दू मंदिर हैं अम्बाजी मंदिर, केदारनाथ महादेव मंदिर और बलराम महादेव मंदिर।
पालनपुर का मौसम
मानसून के दौरान पालनपुर का मौसम काफी सुहाना रहता है और इस दौरान बारिश भी मध्यम होती है। हालांकि, गर्मी का मौसम काफी शुष्क होता है और ठण्ड काफी ठंडा होता है।
पालनपुर कैसे पहुंचें
पालनपुर राज्य के दोस्सरे मुख्य शहरों से रेल और रोड द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा है।