अगरतला पर्यटन - महलों और मंदिरों का शहर
पूर्वोत्तर भारत में गुवाहाटी के बाद अगरतला सबसे महत्वपूर्ण शहर है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से इस क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। बांग्लादेश से सिर्फ दो किमी दूर स्थित यह शहर सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध है। अगरतला त्रिपुरा के पश्चिमी भाग में स्थित है और हरोआ......
आइज़ोल - हाइलैंडर्स की भूमि
आइज़ोल, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से एक मिज़ोरम की राजधानी है। आइज़ोल एक सुंदर शहर है जो खड़ी पर्वत श्रेणियों, पहाडि़यों और घाटियों के बीच फैला हुआ है। सदियों पुराना यह शहर समुद्रतल से 1132 मी. ऊपर है और उत्तर में दुर्तलैंग की राजसी चोटियों से घिरा हुआ है। कई सालों से यहाँ बहने वाली तलौंग......
अम्बाजी पर्यटन - देवी का घर
अम्बाजी प्राचीन भारत का सबसे पुराना और पवित्र तीर्थ स्थान है। ये शक्ति की देवी सती को समर्पित बावन शक्तिपीठों में से एक है। गुजरात और राजस्थान की सीमा पर बनासकांठा जिले की दांता तालुका में स्थित गब्बर पहाड़ियों के ऊपर अम्बाजी माता स्थापित हैं। अम्बाजी में दुनियाभर से पर्यटक आकर्षित होकर आते हैं,......
अमरावती - नेताओं का जन्मस्थान
बढ़ते औद्योगिक केन्द्र के साथ-साथ अमरावती महाराष्ट्र की संस्कृति और साहित्य के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गोपाल नीलकंठ डांडेकर और सुरेश भट्ट इस क्षेत्र का कुछ मशहूर हस्तियाँ हैं। कहा जाता है कि भगत सिंह, प्रतिष्ठित क्रांतिकारी सेनानी, अमरावती में 3 दिनों के लिए अपने भूमिगत कार्यकाल के......
बीआर पर्वतीय पर्यटन - मंदिरों एवं पर्वतीय शांति का शहर
बी आर हिल्स या बिलगिरी रंगना हिल्स पश्चिमी घाट की पूर्वी सीमा पर स्थित एक पर्वतीय श्रंखला है। पूर्वी और पश्चिमी घाट के मिलन बिन्दु पर स्थित यह श्रंखला एक विस्तृत पारिस्थितिकी तंत्र को जन्म देती है। बिलगिरी रंगना हिल्स का नामकरण एक श्वेत पर्वत की चोटी पर स्थित रंगास्वामी मंदिर के नाम पर पड़ा है।ये......
बांधवगढ़ - टाइगर्स के साथ एक मुलाकात
ऐसा माना जाता है कि बांधवगढ़ सफेद बाघों का मूल निवास स्थान है। इतिहास से पता चलता है कि रीवा के महाराज बांधवगढ़ का इस्तेमाल शिकार के लिए करते थे। यहां की एक पहाड़ी पर स्थित एक प्राचीन किला भी इस बात का सुबूत है। रोचक बात यह है कि किला जंगल पर हावी नजर आता है। काफी पहले से ही इस जगह को नेशनल पार्क......
बांदीपुर – जंगली प्राणियों के साथ आमना सामना
बांदीपुर वन संरक्षित क्षेत्र भारत में प्रमुख रूप से बाघ संरक्षित (टाइगर रिजर्व) क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहाँ बाघों की आबादी लगभग 70 है। लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट टाइगर संरक्षित क्षेत्र कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है। यह मैसूर से 80 किलोमीटर और बंगलौर से......
बरन - पवित्र और मुदित स्थान
बरन पहले कोटा राज्य का हिसा था, पर 10 अप्रैल 1991 में इसे राजस्थान के जिले की मान्यता प्राप्त हुई। 14 और 15वी सदी में यहाँ सोलंकी राजपूतों का शासन रहा। यह प्रांत सागवान, खेर, सालन, और गर्ग्सरी के घने जंगलों से घिरा हुआ है और इनके बीच कालीसिंध नदी का प्रवाह है। रामायण में बरन की महत्वता बरन में कई......
बेगूसराय पर्यटन - प्राचीन रॉयल रिट्रीट
बेगूसराय, बिहार का एक शहर है और यह जिले का मुख्यालय है। बेगूसराय शहर, पवित्र नदी गंगा के उत्तरी किनारे पर स्थित है। बेगूसराय और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल बेगूसराय में कई पर्यटन स्थल है, यहां के पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए आसानी से आ सकते है। यहां स्थित कानवार झील पक्षी अभयारण्य और......
भद्रा पर्यटन – हरियाली में एक स्वर्ग
भद्रा एक ऐसा क्षेत्र है जो मुख्य रुप से भद्रा वन्यजीव अभयारण्य के लिए प्रसिद्ध है, और यह कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले में स्थित है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह वन्यजीव अभयारण्य हाल ही में बाघ परियोजना का हिस्सा बना और आज एक बाघ संरक्षित क्षेत्र बन गया है। पश्चिमी घाटों के हरे-भरे जंगलों के बीच स्थित......
भागलपुर पर्यटन - भारत का सिल्क स्वर्ग
भागलपुर को भारत का सिल्क शहर कहा जाता है जो बिहार राज्य में स्थित है और यह शहर, उच्च गुणवत्ता वाले रेशम के उत्पादन के लिए जाना जाता है। यह राज्य के बड़े शहरों में से एक है और इस शहर में विकसित बुनियादी सेवाएं उपलब्ध है। इस शहर का इतिहास एक निर्विवाद रूप से आज भी उपस्थित है और दर्शाता है कि......
भरतपुर - यहाँ, पक्षियों के साथ व्यक्तिगत हो सकते हैं आप
भरतपुर भारत का एक जाना माना पर्यटन गंतव्य है। इसे राजस्थान का पूर्वी द्वार भी कहा जाता है और यह राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर है जिसका निर्माण वर्ष 1733 में महाराजा सूरजमल ने करवाया था। इस शहर का नाम हिंदुओं के भगवान राम के भाई भरत के नाम पर पड़ा। भगवान राम के भाई लक्ष्मण......
भावनगर - एक पुरस्कृत शहर
भावनगर मुख्य रूप से कपास उत्पादों से सम्बन्धित गुजरात के महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्रों में से एक रहा है। शहर समुद्र के व्यापार, जवाहरात और चांदी के आभूषणों के कारोबार में भी प्रसिद्ध रहा है। इतिहास भावनगर 1723 में भावसिंहजी गोहिल द्वारा स्थापित किया गया था। गोहिल वास्तव में मारवाड़ से चले गए और......
भीमाशंकर - एक ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर महाराष्ट्र राज्य में कर्ज़त के पास स्थित एक प्रसिद्द धार्मिक केंद्र है। भीमाशंकर भारत में पाए जानेवाले बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण विशेष रूप से प्रसिद्द है। इन बारह ज्योतिर्लिंगों में से पाँच महाराष्ट्र में स्थित हैं। 3,250 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह मंदिर पुणे शहर के पास......
भोपाल - झीलों और राजसी माया का शहर
भोपाल, भारत का एक प्रसिद्ध शहर और मध्यप्रदेश राज्य की राजधानी भी है। झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध भोपाल, पूर्व समय भोपाल रियासत की राजधानी भी हुआ करती थी। भोपाल को देश के सबसे स्वच्छ और हरे - भरे स्थानों में से एक होने का गौरव प्राप्त है। भोपाल और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल भोपाल और......
भुवनेश्वर पर्यटन - मंदिरों से भरा एक शहर
भारत के पूर्वी हिस्से में बसा भुवनेश्वर ओडिशा की राजधानी है। यह शहर महानदी के किनारे पर स्थित है और यहां कलिंगा के समय की कई भव्य इमारतें हैं। यह प्रचीन शहर अपने दामन में 3000 साल का समृद्ध इतिहास समेटे हुआ है। कहा जाता है कि एक समय भुवनेश्वर में 2000 से भी ज्यादा मंदिरें थीं। यही वजह है कि इसे......
भुज - राजहंसों का विश्राम गृह
भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ एक शहर है और यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे विशाल नाग भुजंग की जगह माना जाता है। उसे समर्पित एक मंदिर इस पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इतिहास भुज का पूर्व ऐतिहासिक दिनों......
बीकानेर - रॉयल किलों, मेलों और भुजिया का शहर
राजस्थानी शहर बीकानेर, सुनहरी रेत के टीबों, ऊँटों और वीर राजपूत राजाओं के साथ रेगिस्तान के गहरे रोमांस की मिसाल है।राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिमी भाग में यह शहर थार रेगिस्तान के बीच में स्थित है। यह राठौर राजकुमार, राव बीकाजी द्वारा वर्ष 1488 में स्थापित किया गया था। यह शहर अपनी समृद्ध राजपूत,......
बिलासपुर: मंदिर और प्राकृतिक स्थानों की यात्रा
बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा और तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला जिला है। यह भारत में विद्युत उत्पादन का केंद्र है। बिलासपुर रेलवे के माध्यम से सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न करने वाले स्थानों में से एक है। छत्तीसगढ़ राज्य का उच्च न्यायालय यहीं स्थित है। भिलाई, रायपुर, कोरबा और रायगढ़ के साथ-साथ,......
बिन्दु पर्यटन - सच में एक बाह्य प्रवेशद्वार
बिन्दु, भारतीय राष्ट्र का आखिरी गांव है, तथा भारत-भूटान सीमा के करीब स्थित है। इस स्थान के बारे में सब कुछ अद्भुत है। जैसे ही आप इस गांव के निकट जाते हैं, इसके आसपास की मरोरम सुंदरता आपको अपनी ओर खींचेगी। यात्री चाहे तो आगे भूटान की सैर भी कर सकते हैं जो निस्संदेह एक खूबसूरत और बहुत ही सुरम्य देश......
बीरभूम पर्यटन - लाल मिट्टी की भूमि
बीरभूम जिला अपनी सीमाओं को झारखंड के साथ साझा करता है और इसे लाल मिट्टी की भूमि कहा जाता है। इस स्थान का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होने के कारण, यह एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। यहां का टेराकोट्टा कंस्ट्रक्शन विभिन्न शहरों में फैला हुआ है। स्थानीय उद्योग इस जिले की आय का अधिकांश: भाग यहां......
बिष्णुपुर - नाचते हिरन, तैरता हुआ दलदल और काफी कुछ
बिष्णुपुर को मणिपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी कहते हैं। यह ऐसी जगह है जहाँ भगवान विष्णु रहते हैं, जो डोम के आकार के टेराकोटा मंदिर से घिरा है और यहाँ पर प्रसिद्द नाचने वाले हिरण, संगाई भी पाए जाते हैं। इन सब की मौजूदगी में बिष्णुपुर किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता। इम्फाल से 27 किलोमीटर की......
बोकारो – एक औद्योगिक शहर
सन् 1991 में स्थापित बोकारो झारखण्ड राज्य का एक जिला है। समुद्रतल से 210 मीटर की ऊँचाई पर बोकारो छोटानागपुर के पठार पर स्थित है। शहर मुख्यतः घाटियों और धाराओं से बना है। बोकारो भारत के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है। 2011 की जनगणना के अनुसार बोकारो की जनसंख्या 20 लाख है। बोकारो की सबसे......
बोमडिला पर्यटन- एक खू़बसूरत आनंद
समुद्र तल से 8000 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक छोटा सा शहर बोमडिला अरुणाचल प्रदेश के सबसे अधिक मनोरम स्थानों में से एक है। विशाल पूर्वी हिमालय पर्वतमाला के प्राकृतिक परिवेश के बीच बसा बोमडिला यहाँ आने वालों के लिए एक आनंदमयी शांत शहर है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा बोमडिला बौद्ध मठों के लिए भी......
बूंदी-समय के साथ रूका हुआ शहर
बूंदी एक जिला है जो राजस्थान के हाडोती क्षेत्र में स्थित है। बूंदी कोटा से 36 किमी की दूरी पर स्थित है। अलंकृत किले, शानदार महल और राजपूत वास्तुकला, सुंदरता से नक्काशी किये गए कोष्ठक और स्तंभ इस स्थान को भ्रमण हेतु उपयुक्त बनाते हैं। चमकीली नदियाँ, झीलें और सुंदर जल प्रपात इस क्षेत्र की सुंदरता......
चैल - रहस्मय प्रवास
चैल हिमाचल के सोलन जिले में स्थित है। समुंदरी तट से 2226 मीटर ऊँची और सध टिब पहाड़ी पर स्थित यह स्थान बहुत सुंदर है। लोर्ड़ किच्नर के आदेश अनुसार पटियाला के महाराजा, अधिराज भूपिंदर सिंह को शिमला से निर्वासित कर दिये गए, इसका बदला लेने के लिए उन्होंने चैल को अपनी गीष्मकालीन राजधानी बना कर यहाँ......
चलसा पर्यटन - हिमालय के बीच बसा एक सुंदर क़स्बा
पश्चिम बंगाल में स्थित चलसा हिमालय की तलहटी में बसा एक सुन्दर क़स्बा है। यह सिलीगुड़ी जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के पास है इसके अलावा यहाँ चाय के बागान, बड़े जंगल और अनेक सुन्दर नदियाँ हैं। यहाँ के जंगल में गैंडे और हाथी पाए जाते हैं इसलिए पर्यटक गाँव के किसी व्यक्ति को गाइड के रूप में साथ लेकर......
चंबल अभयारण्य - यहां रोमांचित करती हैं चंबल की घाटियां
1979 में स्थापित राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ईको-रिजर्व है, जिसकी सीमा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान से मिलती है। चंबल नदी घुमावदार घाटी, पहाड़ी और रेतीले किनारों से होकर गुजरती है। इस नदी में बड़ी संख्या में घड़ियाल,......
चंपानेर - एक शाही शहर
चंपानेर की स्थापना चावड़ा वंश के राजा वनराज चावड़ा ने की थी। उनके एक मंत्री का नाम चंपाराज था, जिसके नाम पर इस जगह का नामकरण हुआ। कुछ लोगों का मानना है कि चंपानेर नाम ‘चंपक’ फूल के कारण पड़ा है, क्योंकि इस क्षेत्र के पाए जाने वाले आग के चट्टानों में भी फूलों की तरह ही पीलापन देखने को मिलता है।......