नकुलेश्वर मंदिर एक विख्यात धार्मिक स्थल है जो पिथौरागढ़ शहर से 4 किमी दूर तथा शिलिंग गांव से 2 किमी दूर स्थित है। 'नकुलेश्वर' शब्द ‘नकुल ‘ और 'ईश्वर' दो शब्दों का मेल है। महिषासुर मर्दिनी की नकुल प्रतिमा शक्तिशाली हिमालय का संकेत है, तथा ईश्वर शब्द ‘भगवान’ के लिए प्रयुक्त हिंदी शब्द है।
इसलिए संयुक्त रूप से यह हिमालय के देवता भगवान शिव की ओर संकेत करता है। यह मंदिर खजुराहो स्थापत्य शैली में बनाया गया है तथा इसमें शिव--पार्वती, उमा- वासुदेव, नौवर्ग, सूर्य, महिषासुर मर्दिनी, वामन, करमा और नरसिंह समेत 38 विभिन्न हिन्दू देवी देवताओं की प्रस्तर मूर्तियां हैं।
कहावत के अनुसार, हिंदू महाकाव्य महाभारत के दो पौराणिक चरित्रों पांडवों अर्थात् नकुल और सहदेव ने इस मंदिर का निर्माण किया गया था।