मायम्मा आश्रम एक आश्रम है, जहां देवी मायम्मा की जीवा समाधि है। देवी मायम्मा एक महिला अवादुता थीं, जो कन्याकुमारी से यहां आयीं और बस गईं। वह सुंदर हिल स्टेशन येरकॉड के बॉर्डर पर तब तक रहीं, जब तक 1992 में उन्होंने खुद को धरती को समर्पित नहीं कर दिया।
उन्होंने इसी जगह पर समाधि ले ली थी, जहां पर इस समय आश्रम बना हुआ है। हर साल 9 फरवरी को उनकी पुण्यतिथि पर समाधि दिवस के अवसर पर हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं। इस धार्मिक स्थल का रखरखाव उनके अनुयायी श्री राजेंद्रन करते हैं। यहां का वातावरण बहुत शांत रहता है, कोई भी यहां ध्यान एवं प्रार्थना कर सकता है और देवी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।
पर्यटकों को इस जगह पर जाने की सलाह दी जाती है, जो लोग शहरी जीवन की चिल्लपो से दूर जाकर ब्रेक लेना चाहते हैं, वो यहां जरूर जायें।