श्री सुब्रमण्यमस्वामी मंदिर, तिरूथानी के प्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक स्थलों में से एक है जहां भगवान मुरूगन की पूजा की जाती है। यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यह मंदिर तमिलनाडु के उन 6 चुनिंदा मंदिरों में से एक है जहां भगवान सुब्रमण्यमस्वामी की पूजा की जाती है। इस मंदिर को अरूपादईवेदु के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान ने वाल्ली से शादी की थी, जो एक शिकार जानजाति की बेटी थी और उसके बाद यह स्थान मुख्य तीर्थ स्थल बन गया।
श्री सुब्रमण्यमस्वामी मंदिर पर समय - समय पर कई शासकों ने शासन किया है। इस पर स्थानीय राजाओं से लेकर विजयनगर के राजाओं ने भी अपना अधिकार जताया है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को 365 सीढि़यां चढ़नी पड़ती है जो साल के 365 दिनों का प्रतीक है।
यहां पास में ही एक गणपति मंदिर है, माना जाता है कि जब भगवान मुरूगन, वाल्ली के पिता से युद्ध लड़ रहे थे तो भगवान गणेश भी उनकी मदद के लिए आएं थे। इस मंदिर तक सड़क के रास्ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा का आयोजन किया जाता है।