अरहंतगिरि जैन मठ तमिलनाडु के तिरुवन्नमलई जि़ले में स्थित है और भारत के संपूर्ण जैन समुदाय के लिए इस मठ का धार्मिक महत्व है। इस जैन मठ का आरंभ 1998 में हुआ था जिसका मुख्य उद्येश्य बेसहारा लोगों को सामुदायिक सेवा प्रदान करना है।
मठ के अंदर कई काॅम्पलेक्स हैं...
तिरुवन्नमलई जि़ले में सथनुर बांध दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण बांधों में से एक है जो तिरुवन्नमलई और आसपास के गाँवों में पीने और सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 1958 में बनाया गया था। यह बांध पेन्नइयार और थेनपेन्नाई नदियों पर बनाया गया है जो...
आदि अन्नामलाई मंदिर तिरुवन्नमलई और आसपास के क्षेत्रों में सबसे पुराना ज्ञात मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण अरुणाचलेश्वर मंदिर का निर्माण शुरु होने से कम से कम एक सदी
पहले हुआ था। इसलिए, इसे लगभग 2000 साल पुराना माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि आरंभ में यह...
तिरुवन्नमलई में शेषाद्रि स्वामीगल आश्रम रमण आश्रम के पास स्थित है। यह आश्रम भी इसी सड़क पर है जिसपर श्री रमण आश्रम स्थित है और उससे तीन इमारतों की दूरी पर है। स्वामीगल आश्रम में शहर के बाहर से आने वाले भक्तों के लिए रहने की सुविधा उपलब्ध है।
आवास शुल्क...
अन्नामलाई हिल्स केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु राजयों से गुज़रने वाला पश्चिमी घाट का हिस्सा है। इन हिल्स का नाम दो शब्दों, ’अनई’ और ’मलाई’ के संयोजन से बना है। पहले शब्द का अर्थ है हाथी और दूसरे शब्द का अर्थ है पहाड़ी। इसलिए, अन्नामलाई का अर्थ...
नेदुंगुनम रामर मंदिर एक विष्णु मंदिर है जो विष्णु के अवतार भगवान राम को समर्पित है। बब स्थित यह मंदिर पूरे जि़ले में सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर कम से कम 700साल पुराना है और कई राजाओं ने इसका पुर्ननिर्माण करवाया था। इस मंदिर की अनूठी...
पदवेड़ु रेणुकांबल मंदिर पदवेड़ु शहर में स्थित है और तिरुवन्नमलई से 7कि.मी. दूर है। शक्ति स्थलों में से एक होने के कारण हिंदुओं के लिए इसका बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। इस मंदिर में एक शिवलिंग भी सुशोभित है जिसे सोमनाथलिंग कहा जाता है। किंदंती के अनुसार भगवान...
रमण आश्रम जिसे श्री रमणाश्रम भी कहते हैं, एक धार्मिक संस्थान है जो महर्षि रमण के निवास स्थान के आधार पर बनाया गया है। वह एक आधुनिक दार्शनिक था जो तिरुवन्नमलई शहर में 1922 से 1950 तक रहा था। यह आश्रम तिरुवन्नमलई जि़ले के पश्चिम की ओर अरुणाचल हिल की तलहटी में स्थित...
14वीं सदी से वीरूपक्ष गुफा का धार्मिक महत्व है। प्रारंभ में यह गुफा संत वीरूपक्ष देव के लिए लोकप्रिय थी, लेकिन अब भक्तों के बीच यह गुफा महर्षि रमण के कारण प्रसिद्ध है। 1899 से आरंभ करके 16 सालों तक महर्षि ने इस गुफा को अपना निवास स्थान बनाया था। वे 1916 में इस...
तिरुवन्नमलई में अरुणाचलेश्वर मंदिर अन्नामलाई हिल की तलहटी में स्थित है और हिंदुओं के लिए पूजा का एक प्रमुख स्थान है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और शिव अनुयायियों के लिए इसका बहुत अधिक महत्व है।
इस मंदिर में एक शिवलिंग है जो भगवान शिव का प्रतिनिधि है और...
ममरा गुहाई तिरुवन्नमलई शहर में स्थित एक हिंदु मंदिर है। ममरा गुहाई का शाब्दिक अर्थ है ’आम के पेड़ की गुफा’ और यह मंदिर वास्तव में एक गुफा है जो एक मंदिर में तब्दील कर दी गई है। गुफा के ऊपर एक आम का पेड़ है। स्थानीय हिंदुओं के लिए इस गुफा का अत्यधिक...
स्कंदाश्रम कंदस्वामी द्वारा स्थापित किया गया था जिसने एक भवन के प्राथमिक हिस्से का निर्माण आरंभ करने की पहल की जो अब स्कंदाश्रम के रूप में जाना जाता है।
वास्तव में यह आश्रम एक गुफा है जो वीरूपक्ष गुफा के बहुत पास है। इस आश्रम में एक बारहमासी झरना है जिसका...
अष्टलिंगम या आठ लिंगम तमिलनाडु के तिरुवन्नमलई जि़ले में स्थित है और अन्नामलाई हिल की तलहटी में पाए जाते हैं। तिरुवन्नमलई शहर मुख्य रूप से अष्टलिंगम के कारण पवित्र और आध्यात्मिक माना जाता है। इस लिंगम के कारण यह जगह भक्तों औरर संतों को आकर्षित करती है। आठ छोटे...
पचइअम्मा कोविल या पचइअम्मा कोइल तिरुवन्नमलई के बाहरी इलाके में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर कम से कम 1000 साल पुराना माना जाता है, हालांकि, इसकी वर्तमान संरचना केवल 120 साल पुरानी है।भगवान शिव की पत्नी, देवी पार्वती को इस मंदिर में पचइअम्मा के रूप पूजा जाता...