भारत में सबसे ज्यादा यही बारिश होती है। यह मेघालय की राजधानी शिलांग के खासी हिल्स में स्थित है। चेरापूंजी को सोहरा और चुर्रा भी कहा जाता है, इसका मतलब होता है संतरों की भूमि।
Kishan Gupta
चेरापूंजी की बारिश
यहां 12 महीने बारिश होती है। इस क्षेत्र में सर्वाधिक बारिश के लिए यहां की भौगोलिक स्थितियां जिम्मेदार हैं।
चेरापूंजी 4869 फुट की ऊंचाई पर खासी हिल्स के दक्षिणी पठार पर स्थित है जहां मानसूनी हवाओं का हर समय जोर बना रहता है।
चेरापूंजी का मौसम
चेरापूंजी लाइव ब्रिज
चेरापूंजी लाइव ब्रिज के लिए भी मशहूर है जो यहां के लोगों द्वारा बनाए गए बायो-इंजीनियरिंग प्रैक्टिस का बेहतरीन नमूना है।
लाइव ब्रिज की खासियत यह है कि यह समय के साथ-साथ और भी मजबूत होता जाता है और एक साथ करीब 50 लोगों का भार उठा सकता है।
चेरापूंजी का लाइव ब्रिज
चेरापूंजी का वाटरफॉल
हरियाली के साथ-साथ यहां काफी खूबसूरत झरने भी है, जो यहां के पर्यटन में चार चांद लगाती है। इनमें नोहकलिकाई वाटरफॉल, सेवेन सिस्टर, कावा फॉल्स, वकाबा फॉल्स प्रमुख है।
यहां निवास करने वाली खासी जनजाति के लोग बादलों को लुभाने के लिए लोक गीत और लोक नृत्य का आयोजन करते हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
ईको पार्क यहां के शानदार उद्यानों में से एक है। यहां आर्चिड के फूलों की खूबसूरती को निहारा जा सकता है, जिसकी देखभाल शिलॉन्ग एग्री-हॉर्टीकल्चरल सोसायटी करती है।
यहां का पॉर्क राइस काफी पसंद किया जाने वाला डिश है। इसके अलावा यहां का सोहरा पुलाव भी काफी फेमस है। यह एक खास प्रकार का चावल है, जिसमें सब्जियां मिलाकर बनाई जाती है।
मेघालय पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार यहां हर साल 9 लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं। 2012 से 2014 के दौरान हर साल 6 से 7 लाख लोग यहां घूमने आते थे, जिनमें 7 से 8 हजार विदेशी पर्यटक शामिल थे।