मुगल बादशाह अकबर के बेटे जहांगीर ने अपनी बेगम नूरजहां के पिता मिर्जा गियास बेग को एतमादुद दौला का खिताब दिया था। एतमादुद दौला और उनकी पत्नी अस्मत जहां का यह मकबरा 1622 से 1628 के बीच उनकी बेटी नूरजहां ने बनवाया था। इस मकबरे की भव्यता और महिमा को देखकर ऐसा लगता है कि यह ताजमहल की पूर्ववर्ती रचना या ड्राफ्ट हो। इसी कारण इसे बेबी ताज और ज्वेल बॉक्स भी कहा जाता है।
23 स्क्वायर मीटर में फला यह मकबरा यमुना नदी के पूर्वी किनारे पर बना है। एनएच-2 पर स्थित राम बाग सर्किल से यह सिर्फ दो किमी दूर है। इस मकबरे का निर्माण चार बाग नाम से चर्चित पर्सियन गार्डन के बीच में लाल पत्थर के स्तंभ पर किया गया है। इस गार्डन में छिछले पानी की आड़ी-तिरछी कई धाराएं बहती है, जो न सिर्फ गार्डन को चार भागों में बांटती है, बल्कि इसके सौंदर्य में बढ़ोत्तरी भी करती है।