गांधी आश्रम, साबरमती नदी के किनारे पर स्थित है और इसे साबरमती आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना, 1917 में महात्मा गांधी द्वारा की गई थी। यह आश्रम, गांधी जी के दांडी मार्च के लिए विख्यात है, यही से गांधी जी ने नमक आंदोलन के लिए उठाए गए कदम दांडी मार्च की शुरूआत की थी। यह आश्रम, गांधी जी यादगार घटनाओं का संग्रह है।
गांधी जी ने इस स्थान को अपनी रचनात्मक गतिविधियों के साथ किए जाने वाले प्रयोगों को जिससे वह आत्मनिर्भर हो सकें, के रूप चुना था। उन्होने इसी आश्रम में कपड़ा को कातना और बुनना शुरू किया था। उन्होने इसी आश्रम में खादी को बनाया और उसका प्रसार किया। अगर पर्यटक एक गाइडेड टूर पर जाएं तो वह यहां के कई प्रमुख स्थानों जैसे - मगन निवास, उपासना मंदिर, हद्य कुंज, विनोभा - मीरा कुटीर, नंदिनी, उद्योग मंदिर, सोमनाथ छत्रालय, टीचर्स निवास, गांधी स्मारक संग्रहालय, पेंटिग्स गैलरी, माई लाइफ ईज माय मैसेज, लाइब्रेरी और आर्चीव को भी देखें।
आर्चीव में कई पांडुलिपि, बधाई पत्र, फोटो के निगेटिव, फाइलें आदि रखी हुई है, यह सभी गांधी जी के जीवन से जुड़ी है। विनोवा - मीरा कुटीर वह स्थान है जहां आचार्य विनोभा भाबे और मीरा बेन कई बार आकर ठहरे थे , उपासना मंदिर वह स्थान है जहां आश्रम के लोग प्रार्थना किया करते थे और अन्य स्थान भी पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित करते है। यहां की हर वस्तु गांधी जी के जीवन से जुड़ी हुई है।