दिवारों से अच्छी तरह से घिरा खुसरो बाग इलाहाबाद जंक्शन के करीब ही है। यहां मुगल बादशाह जहांगीर के परिवार के तीन लोगों का मकबरा है। ये हैं- जहांगीर के सबसे बड़े बेटे खुसरो मिर्जा, जहांगीर की पहली पत्नी शाह बेगम और जहांगीर की बेटी राजकुमारी सुल्तान निथार बेगम। इन्हें 17वीं शताब्दी में यहां दफनाया गया था। इस बाग़ में स्थित कब्रों पर करी गयी नक्काशी देखते ही बनती है जो मुग़ल कला संग स्थापत्य कला का एक जीवंत उदाहरण है।
कहा जाता है कि मुग़ल बादशाह जहाँगीर ने अपने समय के सबसे उम्दा कारीगरों को इन कब्रों के निर्माण के लिए लगवाया था। कहा जाता है कि जहाँगीर के बड़े बेटे को उसके भाई शाहजहां द्वारा मार दिया गया था इसलिए उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी सम्राट ने इन कब्रों और मकबरे को बनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह बगीचा अपने आम और अमरूद के बगीचों के लिए प्रसिद्ध है।