भगवान हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर बेहद साधारण ढंग से बनाया गया है। यहां के स्थानीय लोगों का ऐसा मानना है कि मंदिर में रखी मूर्ति में काफी शक्ति है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार एक अमीर व्यपारी ने एक मूर्ति बनाई और उसे अपने साथ लेकर उत्तरी उपमहाद्वीप की ओर तीर्थ यात्रा पर निकल गए।
यात्रा के दौरान उनके सपने में हनुमान जी आए और उन्होंने उस मूर्ति को एक खास जगह पर रखने के लिए कहा। उस व्यपारी ने वैसा ही किया जैसा हनुमानजी ने उनसे कहा था। काफी सालों बाद बालागिरि को वह मूर्ति मिली और उन्होंने उस जगह बड़े हनुमानजी के मंदिर का निर्माण करवाया।
ऐसा कहा जाता है कि जब उस व्यपारी ने उस मूर्ति को उक्त स्थान पर छोड़ा तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो गई। आज इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालू अपनी मनोकामना पूरी कराने के लिए आते हैं।