हाल के वर्षों में, पश्चिम बंगाल में पर्यटन की पहुंच गहरी होने के साथ-साथ, बांकुड़ा शहर, जो अभी वास्तव में एक छोटा शहर है, में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।शहर में लगभग 150,000 लोग रहते हैं तथा यह सांस्कृतिक व परम्परागत रूप से भी काफी समृद्ध है एवं इसका उल्लेख महाभारत में मिलता है। वस्तुतः,चीनी इतिहास में भी बांकुड़ा की विशेषताएं दिखाई पड़ती हैं।
बांकुड़ा तथा आसपास के पर्यटन स्थल
शहर से एक छोटी दूरी पर पर्यटन आकर्षणों से भरा बांकुड़ा आकृषण का केन्द्र है। पश्चिम में, बांकुरा से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित, सुसुनिया हिल में प्राकृतिक गर्म पानी के झरने की यात्रा की जा सकती है। इसके अलावा पश्चिम में ही, बांकुड़ा जिले की सबसे ऊंची पहाड़ी बिहारीनाथ हिल एवं जैन धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान भी है।
बांकुरा पर्यटन की सफलता बहुत कुछ बांकुरा से लगभग 55 किलोमीटर दूरी पर मुक्तिमनीपुर में स्थित,विशाल बांध पर निर्भर करती है। संयोग से, मुक्तिमनीपुर भारत का दूसरा सबसे बड़ा जमीनी बांध है। इसके अलावा बांकुड़ा शहर के आसपास कई और बहुत से मंदिर और मस्जिदें हैं, जिनका अपना कुछ न कुछ ऐतिहासिक महत्व है।
कला और संगीत
बांकुड़ा पर्यटन को बंगाली चित्रों, संगीत और अन्य स्थानीय कलाओं की मौजूदगी से बल मिला है। टेराकोटा भी बांकुरा में एक प्रचलित आधुनिक कला है।बांकुड़ा संगीत से इतना प्रभावित है, कि यहां स्थानीय इंजीनियरिंग कॉलेज के एक जोड़ी बैंड टैलेंट शो रखे गये हैं।
बांकुड़ा यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय
बांकुड़ा यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय ठीक सर्दियों के बाद और गर्मियों से पहले का है।
बांकुड़ा कैसे पहुंचे
बांकुड़ा हवाई, रेल और बस के माध्यम से सुलभ है ।
How to reach Bankura
Bankura is accessable via air,train and bus