महाबोधि मन्दिर के बोधि वृक्ष को श्री महा बोधि भी कहते हैं। इस वृक्ष को पवित्र माना जाता है क्योकि बौद्ध धर्मग्रन्थों के अनुसार गौतम बुद्ध को ज्ञान इसी पेड़ के नीचे प्राप्त हुआ था और इस ज्ञान प्राप्ति के बाद बोधि वृक्ष के लिये कृतज्ञता के भाव से उनका हृदय भर गया। कई शासकों ने इस वृक्ष को नष्ट करने का प्रयास किया लोकिन ऐसा माना जाता है कि हर ऐसे प्रयास के बाद बोधि वृक्ष फिर से पनप गया। आज का पेड़ शायद बोधि वृक्ष की पाँचवी पीढ़ी है।