बी.आर.टी वन्यजीव अभ्यारण्य बी आर हिल्स का मुख्य आकर्षण हैं तथा कर्नाटक के दक्षिणी क्षेत्र में तुंगभद्रा और कावेरी नदी के मध्य स्थित हैं। अन्य नाम बिलगिरी रंगास्वामी मंदिर वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में जानी जाने वाली ये पहाड़ियां समुद्र तल से 5091 फिट की ऊंचाई पर स्थित हैं तथा इनका विस्तार 540 स्कावयर किमी क्षेत्र में है।
यह अभ्यारण्य वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत संरक्षित है। इस अभ्यारण्य की योजना बनाने वाले पर्यटकों को यहां विभिन्न प्रकार की वन्यजीव व वनस्पतियां देखने को मिलेंगी। बी.आर.टी वन्य जीव अभ्यारण्य में हाथी, सांभर, लुप्तप्राय बाघ तथा गौर और ऐसे कई अन्य वन्य जीव देखने को मिल जायेंगे। अभ्यारण्य में तितलियों की लगभग 116 प्रजातियां एव सरीसृपों की 22 प्रजातियां पायी जाती हैं।
इस अभयारण्य में पक्षियों की लगभग 225 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ अर्थात् सीटी मारने वाली चिड़िया, पीले गले वाली बुलबुल, रैकेट पूंछ वाला ड्रोंगो,क्रेस्टेड हाक ईगल, क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, पहाड़ी मैना समेत कई अन्य शामिल हैं। जहां तक वनस्पतियों की किस्मों का संबंध है, बी आर टी वन्यजीव अभयारण्य में सदाबहार, शुष्क साफ़, चरागाह वनस्पति, पर्णपाती और सवाना वन पाये जाते हैं।
इन सभी चीजों को देखने के लिए पर्यटकों के लिए जीप सफारी एवं हाथी की सवारी उपलब्ध रहती हैं। विभिन्न वनस्पतियों और जीव प्रजातियों को देखने के अतिरिक्त, पर्यटक यहां शौकिया मछली पकड़ने, बोटिंग करने, पेशेवर रूप में मछली पकड़ने जैसी साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठा सकते हैं। बीआरटी वन्यजीव अभयारण्य के लिए यात्रा के बारे में सोच रहे पर्यटकों को इस स्थान का दौरा अक्टूबर से मई तक करना चाहिए।