कोसी नदी भारत के साथ साथ नेपाल की भी महत्वपूर्ण नदियों में से एक है और इसके आसपास का क्षेत्र पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। ये पर्वत श्रेणियाँ उत्तर में इस नदी को यार्लुंग त्सांगपो नदी से अलग करती है। कोसी नदी जो सप्तकोशी या कोशी नाम से भी जानी जाती है पिछले 250 वर्षों में 120 किमी. पूर्व से पश्चिम की ओर स्थानांतरित हो गई है।
ऋग्वेद में इस नदी को कौसिका कहा गया है और महाभारत में इसे कौसिकी कहा गया है। बाद में यह बताया गया है कि सात नदियाँ मिलकर अंततः सप्तकोशी नदी बनाती है। कोसी नदी पर्यटकों को मछली पकड़ने के अवसर प्रदान करती है। अक्टूबर से दिसंबर और फरवरी से जून का समय मछली पकड़ने के लिए उत्तम है।
विभिन्न रिसॉर्ट्स संबंधित अधिकारियों से कोसी नदी में मछली पकड़ने के लिए आवश्यक अनुमति की व्यवस्था करते हैं। मानसून के दौरान यह नदी वर्षा के पानी से लबालब भर जाती है और नदी की तली में बहुत से पत्थर मिलते हैं। अत: नदी का प्रवाह अनियमित रहता है और इसमें नियमित परिवर्तन होता रहता है। इसके अलावा मानसून के दौरान इस नदी के कारण बिहार और बांग्लादेश में बाढ़ आती है।