भीखा सलामी मजार, गंगासागर तालाब के किनारे स्थित है। रमजान के पवित्र महीने के 12 वें और 16 वें दिन आयोजित किया जाने वाला मेला इस जगह के आकर्षण को बढ़ाता है।
महाराजा लक्षमीश्वर सिंह म्यूज़ियम 1977 में स्थापित किया गया था। यह सोने, चांदी, आइवरी, और हाथी दांत से बनी दुर्लभ वस्तुओं और हथियारों को गर्व प्रदर्शित करता है। यह पूरा संग्रह नियोजित तरीके से आठ कमरों में क्रम से रखा गया है। लोग यहाँ महाराजा रामेश्वर सिंह का...
मलेच्छड मर्दिनी मंदिर, दरभंगा स्टेशन से एक किमी की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति के भक्तों के लिए बहु महत्त्व रखता है।
कैथोलिक चर्च को 1891 में बनाया गया था। हालांकि 1891 में आए भूकंप के कारण असली इमारत ध्वस्त हो गयी थी, बाद में इसे पुनः बनाया गया था। कैथोलिक चर्च को होली रोसरी चर्च के नाम से भी जाना जाता है। शुक्रवार का दिन चर्च के अभ्यासकर्मियों और दर्शकों में एक विशेष आकर्षण...
श्यामा काली मंदिर, हिन्दुओं के लिए एक धार्मिक स्थल है जो दरभंगा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है और यह अपनी खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में स्थित है।
कुशेश्वर आस्थान ब्लॉक के पानी से लबालब चौदह गाँवों को वनस्पतियों और जीवों की बहुत सी किस्मों और प्रजातियों का आशीर्वाद प्राप्त है। यह क्षेत्र “कुशेश्वरनाथ आस्थान पक्षी अभयारण्य” के रूप में घोषित किया गया है और यहाँ का एक दौरा जरूर करना चाहिए। आप यहाँ...
नवदाह-दुर्गा-स्थान , देवी दुर्गा का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो मजकोरा नवादा रोड पर स्थित है । हर साल यहाँ सैकड़ो भक्तगण आते हैं। दशहरा यहाँ बड़ी धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
अहिल्या आस्थान, गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या को समर्पित एक प्रसिद्ध एतिहासिक मंदिर है। यह प्रसिद्द मंदिर अहिल्या ग्राम भी कहलाता है। रामायण के अनुसार जब भगवान राम जनकपुरी जा रहे थे तब रास्ते में उनका पैर एक पत्थर से टकरा गया जिससे अहिल्या उत्पन्न हुई, उसके पहले उनके...
Mazar of Makhdoom Baba is a shrine with a difference. In addition to religious significance the shrine is famed for Hindu-Muslim unity. Every day people from both cults gather here to offer their prayers expressing the real flavor of unity.
कंकाली मंदिर शक्ति के भक्तों के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण मंदिर है।
महिनाम-महादेव-स्थान, भगवान शिव का जाना-माना मंदिर है जो दरभंगा-बिरौल पक्की रोड से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। कार्तिक और माघी पूर्णिमा के अवसर पर यहाँ बड़े वार्षिक मेलों का आयोजन किया जाता है।
कुशेश्वर आस्थान एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, और भगवान शिव जिन्हें कुशेश्वर के नाम से जाना जाता है, के मंदिर के लिए पहचाना जाता है। तीर्थयात्री पूरे साल इस मंदिर में पूजा करने के लिए आते रहते हैं। मंदिर प्राचीन काल की धरोहर के रूप में जाना जाता है।
छपरा, ब्रह्मपुर ब्लॉक में स्थित है। यहाँ कमला नदी के तट पर महादेव जी का मंदिर है। इस नदी के तट पर कार्तिक और माघी पूर्णिमा के अवसर पर बड़ा मेला लगता है तब यहाँ हर्ष और उल्लास का वातावरण होता है।
मनोकामना मंदिर, विश्वविद्यालय परिसर में, नारगौना महल के बगल में स्थित है। यह मंदिर सुन्दर मार्बल के टुकड़ों से बना हुआ है। मनोकामाना मंदिर मुख्य रूप से हनुमान जी का मंदिर है। यह मंदिर बड़ी संख्या में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की मेजबानी करता है जो साल दर साल इस जगह...
सती आस्थान, शुभंकरपुर के प्रसिद्ध कब्रिस्तान में स्थित है जो दरभंगा महाराज जी पुल के पश्चिम में लगभग एक किमी की दूरी पर है। महाराज रामेश्वर सिंह जो कि एक महान तांत्रिक थे, इस मंदिर में हर रोज आधी रात के वक्त अपनी तंत्र सिद्धि के लिए यहाँ आते थे। लोग हर सोमवार और...