बल्लालेश्वर मंदिर का निर्माण लगभग 250 साल पहले 1760 में ब्राह्मण भक्त बल्लेश्वर के नाम पर किया गया। केवल दूरशेत ही ऐसा स्थान है जहाँ अष्टविनायक मंदिर - बल्लालेश्वर मंदिर का नाम किसी भक्त के नाम पर पड़ा है।इस मंदिर में दो झीलें हैं। संपूर्ण मंदिर को दो छोटे और बड़े...
दूरशेत बहुत से प्राणियों और वनस्पतियों का घर है। यह क्षेत्र सह्याद्री की बुलंद सीमाओं की पृष्ठभूमि में बसा हुआ है। यह प्रकृति और वन्य जीवन प्रेमियों के सभी प्रकार के लिए एक अद्भुत दृश्य बनाता है। जंगल सफारी में आपको दूरशेत की आकर्षक हरियाली में सवारी करने मिलती है...
दूरशेत के छोटे से शहर के पास वरद विनायक का मंदिर बड़ा आकर्षण केंद्र है। इसका निर्माण लगभग तीन सदी पहले 1725 ईस्वी पश्चात पेशवा सरदार महादेव वरद विनायक बिवालकर के द्वारा किया गया।समय के साथ मंदिर जीर्ण हो चुका है और बाहर से आकर्षक नही दिखता। परंतु जैसे ही आप इसके...