गुफा 30 - कैलाशा नाम से प्रसिद्ध यह गुफा थोड़ी अधूरी रह गई थी। इसमें भगवान महावीर का एक चित्र सिंहासन पर बैठे हुए बना है।
गुफा 32 - इंद्र सभा के नाम से विख्यात यह गुफा जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर को समर्पित है। इस गुफा के नाम का तात्पर्य है कि इन्द्र देवता के हॉल के समान इस गुफा का भी भवन है। दो मंजिला बनी इस गुफा में एक मंदिर है जिसे मनस्तम्भ कहा जाता है और बगल में बायीं ओर एक हाथी भी बना हुआ है।
गुफा 33 - इस गुफा को जगन्नाथ सभा के रूप में जाना जाता है, इसमें चित्रों और मूर्तियों के अलावा कुछ खास नहीं है।