आदि शंकर के मुताबिक, मंगला गौरी मंदिर, महाशक्ति पीठों में से एक है। इस मंदिर का उल्लेख, पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण और अन्य लेखों में मिलता है। तांत्रिक कार्यो में भी इस मंदिर को प्रमुखता दी जाती है। हिंदूओं में इस मंदिर में शक्ति का वास माना जाता है।
इस मंदिर में उपा शक्ति पीठ भी है जिसे भगवान शिव के शरीर का हिस्सा माना जाता है। शक्ति पोषण के प्रतीक को एक स्तन के रूप में पूजा जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए फ्लाइट से जाया जा सकता है और सड़क मार्ग भी इस मंदिर के लिए जाता है।
मंदिर के गर्भग्रह में देवी की प्रतिमा रखी है, यहां भव्य नक्काशी बनी हुई। मंदिर के सामने वाले भाग में एक मंडप बना हुआ है। मंदिर के आंगन में एक फायरपिट है। मंदिर में दो छोटे श्राइन है जो इस मंदिर की सुंदरता को बढ़ा देते है। मंदिर में भगवान शिव और महिषासुर की प्रतिमा, मर्दिनी की मूर्ति, देवी दुर्गा की मूर्ति और दक्षिणा काली की मूर्ति भी विराजमान है। यहां कई और भी मंदिर है।