बहादुरगढ़ गांव जिला मुख्यालय गाजियाबाद से 78 किमी दूर गढ़मुक्तेश्वर-बुलंदशहर रोड पर स्थित है। इस गांव का असली नाम गढ़ नाना था। पर यहां के शासक नवाब बहादुर खान ने इसका नाम बदल दिया। बहादुर खान को यह जगह मुगल बादशाह जहांगीर से जागीर के तौर पर मिली थी।
ऐसा माना जाता है कि इस गांव का अस्तित्व महाभारत के समय भी था। एक दंतकथा के अनुसार महाभारत के नायक दानवीर करण ने बहादुरगढ़ से 6.5 किमी दूर वर्तमान के मुस्तफाबाद में राजा करण का खेड़ा बनवाया था। इस प्रचीन निर्माण के विनाश के अंश अब भी यहां देखे जा सकते हैं।
यह गांव मिट्टी के बर्तन के लिए भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि खुजरा मिट्टी के बर्तन की उत्पत्ति यहीं से हुई थी। इसे करीब 250 साल पहले मुल्तान से यहां लाया गया था, जो कि अब पाकिस्तान में है। बहादुरगढ़ हथकरघा और डेयरी उत्पादों के लिए भी जाना जाता है और दिल्ली सहित आसपास के अन्य क्षेत्रों में इसकी काफी मांग है।