बेशक सेंट ऑगस्टीन चर्च अपने समय का सबसे बड़ा चर्च था, परंतु आज यह जीर्ण शीर्ण अवस्था में है। इसके लिये कमजोर पुर्तगालियों द्वारा 1600 में लगाये गए धार्मिक प्रतिबन्ध ज़िम्मेदार थे। सेंट ऑगस्टीन चर्च आज एक 45 मीटर टॉवर से ज़्यादा कुछ नही है जो पुराने गोवा में होली हिल (पवित्र पहाड़ी) नामक पहाड़ी पर स्थित है। सेंट ऑगस्टीन चर्च अपने समृद्ध इतिहास और वास्तुकला के कारण हमेशा से ही तीर्थयात्रियों का पसंदीदा स्थान रहा है।
इतिहास
सेंट ऑगस्टीन चर्च बारह ऑगस्टीन्स द्वारा दमनकारी प्रतिबंध और विपक्ष के खिलाफ बनाया गया था। चर्च के साथ साथ उन्होंने गुरुकुल के लिये भी एक इमारत बनाई। 46 मीटर ऊंचे इस टॉवर में एक शानदार घंटी थी जिसे बाद में निकाल कर चर्च ऑफ अवर लेडी ऑफ द इम्मेक्युलेट कंसेप्शन में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ यह आज भी कार्यरत है!
प्रारंभिक दिनों में चर्च में चार वेदियाँ, आठ प्रार्थनालय और एक गुरुकुल था। आज इस चर्च में केवल टॉवर और चर्च का अग्र भाग ही बचे हैं। चर्च का पिछला भाग खंडहर बन चुका है। इस के बावजूद सेंट ऑगस्टीन चर्च हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और इसके शानदार दिनों की भव्यता लगभग खत्म हो चुकी है। चर्च की अधिकांश गिरावट 1900 के दौरान हुई जिसके कारण विभिन्न धार्मिक समूहों में मतभेद हुए।
वहाँ कैसे पहुँचे?
सेंट ऑगस्टीन चर्च दक्षिणी गोवा में स्थित है और विभिन्न शहरों जैसे पणजी, वास्को दा गामा और मडगांव से यहाँ बस, रिक्शा या कैब के द्वारा पहुँचा जा सकता है। उत्तरी गोवा, केनडोलिम, बागा या कलंगुट में बसे हुए पर्यटक कोई वाहन किराये पर ले सकते हैं या महँगे किराये से बचने के लिये स्वयं की कार का उपयोग कर सकते हैं।