हस्तिनापुर अभयारण्य को हस्तिनापुर नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है जहां प्रकृति के कुछ बेहतरीन नजारे देखने को मिलते है। इस अभयारण्य की स्थापना औपचारिक रूप से 1986 में की गई थी। यह अभयारण्य 2073 वर्ग किलोमीटर क क्षेत्रफल में फैला हुआ है जो गंगा नदी के किनारे की दलदली भूमि पर स्थित है जहां कई प्रजातियों के पशुओं और जीवों का घर है, साथ ही साथ विशेष प्रकार की वनस्पति भी यहां पाई जाती है।
एक अनुमान के मुताबिक, यहां 350 से भी ज्यादा की चिडि़यां है जिनमें पेंट स्टॉर्क, सारस क्रेन, ब्लैक एंड व्हाइट गर्दन वाले स्टॉर्क, रात में गाने वाली चिडियां, भारतीय सींग उल्लू , जंगली उल्लू, कठफोडवा, किंगफिशर, मधुमक्खी भक्षक और बुलबुल सहित अन्य चिडि़यां शामिल है।
इस अभयारण्य में कई विशेष व अनोख जीव भी है। यहां कई स्तनधारी जीव, सरीसृप जिनमें सांप और बिच्छु, सेंटीपीड, मेढ़क और टोड, मछलियां और रंगरिंगी तितलियां शामिल है। मोर की कई प्रजातियां भी पाई जाती है। दुर्भाग्यवश, पार्क का प्राचीन वातावरण धीरे - धीरे नष्ट हो रहा है, औद्योगिक कब्जा करने वालों ने यहां कचरे, खनिज, पत्थर, कूड़ा - करकट आदि इतना ज्यादा फैला दिया है कि अभयारण्य में प्राकृतिक परिवेश का हनन हो रहा है।