हस्तिनापुर को जैन धर्म के श्रद्धालुओं के मध्य तीर्थ क्षेत्र - एक महान तीर्थ केंद्र के रूप में जाना जाता है। दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, शहर में सबसे पुराना जैन मंदिर है। शब्दों के अनुसार, बड़ा का अर्थ होता है विशाल, और वास्तव में यह मंदिर काफी विशाल है।...
कमल मंदिर को लोटस् मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कमल मंदिर, पौराणिक मंदिर जम्बूद्वीप मंदिर के परिसर में ही स्थित है। यह मंदिर छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत है जिसे फरवरी 1975 में बनवाया गया था। इस मंदिर में भगवान महावीर की मूर्ति स्थापित की गई है।
...जम्बूद्वीप एक प्रकार का द्वीप है जो प्रसिद्ध जैन तीर्थ शहर हस्तिनापुर में स्थित है। यह माना जाता है कि जैन साधवी पूज्या अरयिका रत्न ज्ञानमती माता जी ने, 1965 से पहले विंध्य पर्वतमाला में भवन बाहूवली की मूर्ति से पहले अपने ध्यान में इसे...
कैलाश पर्वत हिमालय पर्वतमालाओं में स्थित है जो जैन धर्म के लिए एक पवित्र स्थल है। ऐसा माना जाता है कि इसी जगह जैन धर्म के पहले तीर्थांकर भगवान ऋषभदेव ने मोक्ष की प्राप्ति की थी। वास्तव में, कैलाश पर्वत तक पहुचंना सभी साधारण श्रद्धालुओं के लिए संभव...
जैन धर्म के ग्रन्थों में हस्तिनापुर का बड़ी श्रद्धा के साथ उल्लेख किया गया है। इस जगह की प्रसिद्धि की शुरूआत भरत चक्रवर्ती की घटना से होती है और यहां बारह में से छ: चक्रवर्ती का जन्मस्थान भी है। इसके अलावा, रामायण के मुख्य पात्र परशुराम का...
हस्तिनापुर अभयारण्य को हस्तिनापुर नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है जहां प्रकृति के कुछ बेहतरीन नजारे देखने को मिलते है। इस अभयारण्य की स्थापना औपचारिक रूप से 1986 में की गई थी। यह अभयारण्य 2073 वर्ग किलोमीटर क क्षेत्रफल में फैला हुआ है जो...
भाई धरम सिंह गुरूद्वारा, सैफपुर में स्थित है जो हस्तिनापुर से 2.5 किमी. की दूरी पर पड़ता है। इसे बाही धरम सिंह की याद में बनवाया गया था, जो सिक्खों में पांच श्रद्धेय गुरूओं या पंज प्यारे में से एक थे। गुरू ने अपने शिष्यों में से उन पांच लोगों का नाम...
शास्त्रों के अनुसार, भगवान आदिनाथ ने अपना राज्य त्याग दिया था और तपस्वी जीवन में प्रवेश कर लिया था। उन्होने तपस्वी के जीवन को बखूबी निभाया और एक साल से भी ज्यादा समय के लिए व्रत पर रहे। किसी भी व्यक्ति ने उन्हे व्रत...
हस्तिनापुर का अर्थ होता है हाथियों का शहर, जो महाभारत काल के दौरान कौरवों की राजधानी हुआ करती थी। हालांकि, महाभारत का युद्ध कुरूक्षेत्र में हुआ था लेकिन इस लड़ाई के बीज हस्तिनापुर में ही बोए गए थे। महाभारत के युद्ध के बाद, हस्तिनापुर पर पांडवों द्वारा शासन किया...
जैन जम्बूद्वीप मंदिर, जैन साध्वी, परम पूज्य शिरोमणि ज्ञानमती माताजी के अथक और समर्पित प्रयासों की स्मृति में श्रद्धापूर्वक बनवाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि साध्वी ने 1965 में विंध्य पर्वतश्रेणी में भगवान बाहूवली की पवित्र...
अष्टपद अर्थात् आठ कदम। जैन शास्त्रों के अनुसार, बर्फ से ढकी हिमालय पर्वतमालाओं में कहीं न कहीं एक अष्टपद धार्मिक केंद्र अवश्य है। यह कैलाश पर्वत में बद्रीनाथ की यात्रा के दौरान उत्तर की दिशा में 168 मील की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता...
यह माना जाता है कि हस्तिनापुर में स्थित करण मंदिर महाभारत के काल का बना हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग रखी हुई है, किंवदंतियों के अनुसार, इस शिवलिंग को महाभारत के महानतम नायकों में से एक दानवीर कर्ण ने दान किया था।
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