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हिमाचल प्रदेश पर्यटन - त्वरित अवलोकन

हिमाचल प्रदेश, भारत के उत्तर में स्थित राज्य है जो अपनी खूबसूरती, प्रकृति  और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर्यटन तेजी से बढ़ रहे उद्योगों में से एक है और यही कारण है की प्रतिवर्ष राज्य की आय में भी भारी इजाफा हो रहा है। राज्य के पर्यटन में आये तेज उछाल के चलते यहां बीते कुछ वर्षो में होटल और रिजोर्ट में बढोत्तरी हुई है जो राज्य की प्रगति और विकास  के लिए एक अच्छा संकेत है। भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के पूर्व में तिब्बत पश्चिम में पंजाब , और उत्तर में जम्मू और कश्मीर जैसे राज्यों से घिरा हुआ है। मुख्य रूप से देवभूमि या देवताओं की भूमि के नाम से लोकप्रिय ये राज्य आने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग है यहां की हरियाली, बर्फ से ढंकी हुई चोटियां, बर्फीले ग्लेशियर, मनमोहक झीलें आने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोहने के लिए काफी है।   

जलवायु

मुख्यतः हिमाचल प्रदेश  में 3 मौसम हैं जिसमें बसंत जाड़ा और मॉनसून शामिल हैं। यहां बसंत का मौसम फरवरी में शुरू होता है जो अप्रैल तक रहता है। जाड़े का मौसम यहां अक्टूबर में शुरू होता है जो मार्च तक रहता है। हिमाचल घूमने का आदर्श मौसम जाड़ा ही है साथ ही यहां इस मौसम में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

भाषा

हिंदी हिमाचल की आधिकारिक भाषा है परन्तु पहाड़ी, जो विभिन्न बोलियों और उप भाषाओं में है उसे यहां लोगों द्वारा व्यापक रूप से इस्तेमाल करते हुए आसानी से  देखा जा सकता है। यहां बोली जाने वाली पहाड़ी भाषा की विभिन्न्य बोलियों में मन्दिअलि, कुलावी, कहलुरी, हिन्दुरी, चमेअली, सिरमौरी, मिअहस्वी, और पंग्वाली शामिल हैं जो यहां के मंडी, कुल्लू, बिलासपुर नालाग्रह, चंबा, सिरमौर, महासू, पांगी में रहने वाले लोगों द्वारा बोली जाती है। यहां बोली जाने वाली अन्य बोलियों में किन्नौरी , लाहौली, स्पितियन जो की बोथ समुदाय के लोगों की भाषा है भी यहां बोली जाती है। बताया जाता है की यहां बोली जाने वाली सभी पहाड़ी उप भाषाएं संस्कृत से ली गयीं हैं और उससे काफी मिलती जुलती हैं। पंजाबी, डोगरी, कांगड़ी यहां बोली जाने वाली अन्य भाषा हैं। साथ ही यहां  के पश्चिमी भाग में गुजरती में भारी मात्रा में बोली जाती है। अगर पुराने अभिलेखों की माने तो पहले यहां बोली जाने वाली भाषा की लिपि फ़ारसी थी परन्तु अब ये देवनागरी में है।

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन

राज्य के प्रमुख 12  जिले अपनी मनमोहक साईट सीइंग, धार्मिक स्थलों, फिशिंग, पर्वतारोहण, पैर ग्लाइडिंग , ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, गॉल्‍फ, पैराग्‍लाइडिग, स्कीइंग के कारण हमेशा से ही दुनिया भर के पर्यटकों का ध्यान अपनी और आकर्षित करते आये हैं।

हिमाचल के पर्यटन विभाग ने राज्य को 4  जिला सर्किट  में बाँट दिया है जो इस प्रकार है सतलज सर्किट, बीस सर्किट, धौलाधार सर्किट, ट्राइबल सर्किट,  यहां मनाली और कुल्लू जैसे विश्व प्रसिद्द पर्यटन केन्द्रों के बीच बीस नदी बहती है जिस कारण यहां आने वाले पर्यटकों को पाइन और देओदार के शांत वनों को देखने का आनंद मिलता है जो प्रकृति से प्रेम करने वाले किसी भी पर्यटक का मन मोह सकते हैं। यहां आने वाले पर्यटक अल्पाइन क्षेत्रों, चट्टानी ढालों, रंग बिरंगे फूलों और बगीचों से सुसज्जित चारागाहों का भी आनंद ले सकते हैं। जबकि यहां के ट्राइबल सर्किट में बर्फीली चोटियाँ, ग्लेशियर, जमी झीलें दर्रे, सुन्दर मठ, लामा और याक हैं। समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के रूप में चिह्नित,यह क्षेत्र लुभावनी साहसिक गतिविधियों के लिए एक हमेशा ही एक हॉटस्पॉट है।

धौलाधार सर्किट,  जो बाहरी हिमालय के रूप में भी जाना जाता है, डलहौजी से शुरूहोता हुआ  बद्रीनाथ पर समाप्त होता है।  इस सर्किट को स्पष्ट रूप से कांगड़ा की घाटी से देखा जा सकता है। सतलुज सर्किट अपने उच्च बिंदु से  शिवालिक पर्वत के निचले सिरे पर स्थित पर्वतमाला का दृश्य प्रदान करता है। रसीले  हरे सेब के बगीचे, देवदार के जंगलों, और सतलुज नदी से घिरा हुआ है यह सर्किट आगंतुकों के लिए सुंदर दर्शनीय स्थलों की यात्रा के अवसर प्रदान करता है।

'देवताओं के निवास'  के उपनाम,से लोगों के बीच लोकप्रिय इस राज्य में कई मंदिर हैं जिसमें ज्वालामुखी, चामुंडा, ब्रजेश्वरी , चिन्तपुरनी , बैजनाथ, लक्ष्मीनारायण, चौरासी विशेष महत्त्व रखते हैं साथ ही राज्य में  विभिन्न गुरुद्वारों और चर्चों को भी देखा जा सकता है। पौंटा साहिब, रेवल्सार, और मणिकरण प्रमुख सिख तीर्थ केन्द्रों में से एक हैं जहां हर साल लाखो लोग आकर अपना माथा टेकते हैं। जबकि क्राइस्ट चर्च कसौली, क्राइस्ट चर्च शिमला, और सेंट जॉन्स चर्च महत्वपूर्ण ईसाई धार्मिक स्थलों में से एक हैं।

ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, पिन घाटी नेशनल पार्क, रेणुका अभयारण्य, पोंग बांध अभयारण्य, गोपालपुर चिड़ियाघर, और कुफरी हमेशा ही प्रकृति प्रेमियों को अपनी तरफ लुभाते हैं और प्रकृति के चाहने वालों के बीच लोकप्रिय हैं!  यहाँ आने वाले लोग अगर शाही विरासत और क्षेत्र के पुरातात्विक चमत्कार  झलक देखना चाहते हैं तो उन्हें कांगड़ा किला, जुब्बल के महलों, नग्गर कैसल, कमरू  फोर्ट, गोंडला  फोर्ट, क्राइस्ट चर्च, चप्स्ली , वुड विला  पैलेस,और चैल पैलेस जरूर देखना चाहिए

क्षेत्र के प्राचीन शाही युग और  सौंदर्य कला  हमेशा ही यहाँ का प्रमुख आकर्षण रहा है। इसके लिए यहां आने वाले पर्यटक  राज्य के प्रमुख संग्रहालयों और दीर्घाओं को जरूर देखें जिनमें  राज्य संग्रहालय, कांगड़ा आर्ट गैलरी, भूरी सिंह संग्रहालय, रोरिक आर्ट गैलरी, और शोभा सिंह आर्ट गैलरी प्रमुख हैं। अवकाश और शांत वातावरण के लिए यहां आने वाले पर्यटक  पाराशर झील, खाज्जिअर झील, रेणुका झील, गोबिंदसागर झील, डल झील, पोंगदम झील, पंडोह झील, मणिमहेश झील,ब्रिग्हू झील जरूर जायें इन स्थानों पर आपको असीम शांति मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो अपने मेलों के लिए भी भी भारत के साथ साथ दुनिया भर में जाना जाता है । यहां लगने वाले प्रमुख मेलों में शीतकालीन कार्निवल शिवरात्रि, लड़र्चा मेला , मिंजर मेला , मणिमहेश  मेला, फुलेच , कुल्लू दशेरहा, लावी मेला , रेणुका मेला प्रमुख है जो लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। साथ ही यहां होने वाला आइस स्केटिंग कार्निवल यहां आने वाले उन लोगों के लिए सोने पे सुहागा है जो ऐडवेंचर के शौक़ीन है  यहां आने वाले लोग बीर, मनाली, बिलासपुर, और रोहड़ू जाकर हवाई पैराग्लाइडिंग और हैंग ग्लाइडिंग जैसे खेलों का भी आनंद ले सकते हैं। कुल मिलकर ये कहा जा सकता है की हिमाचल उन लोगों के लिए स्वर्ग है जो प्रकृति और उससे मिली सौगातों का पूरा लुत्फ़ लेना चाहते हैं।

हिमाचल प्रदेश स्थल

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