बंगालपुखुरी, जोरहाट में एक प्रसिद्ध पानी जलाशय है जो ना-अली के पास स्थित है। इस टैंक के निर्माण के साथ एक दिलचस्प घटना जुड़ी है, जिसे लोग आज भी याद कर लेते है।
1739 में, रूपसिंह बंघल ने एक अहोम गर्वनर, बदन बारफुकान को मार डाला था। बारफुकान ने एक तानाशाह की तरह काम किए थे औश्र वह असम के बर्मी सैनिकों पर अत्याचार किया करता था। वह साका में सावन माह में स्नान के लिए जा रहा था, तभी रूपसिंह बंघल ने उसे मार डाला। बंघल को उनकी बहादुरी के लिए, पैसे का ईनाम दिया गया था और उस पैसे से उन्होने इस बंगालपुखुरी को बनवा दिया था।
हालांकि, इस टैंक के पानी का इस्तेमाल, लोगों के द्वारा नहीं किया जाता है क्योंकि उनका मानना है कि यह टैंक किसी के मारे जाने से मिले पैसों से बना है। स्थानीय लोग मानते है कि, इस पानी का इस्तेमाल दुर्भाग्यशाली होता है। हालांकि, यह टैंक अभी भी इस्तेमाल में नहीं लाया जाता है फिर भी यह जोरहाट का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।