कैलासनाथार मन्दिर या कैलासनाथ मन्दिर शायद शहर का सबसे पुराना मन्दिर है। इस मन्दिर को 8वीं शताब्दी में भगवान शिव की याद में पल्लव शासक नरसिंहवर्मन द्वारा निर्मित किया गया था। हर साल शिवभक्त इस मन्दिर में आते हैं।
मन्दिर का परिसर बलुये पत्थर से बना है और इस पर सुन्दर नक्काशी उस समय के शानदार शिल्पकला कौशल का उदाहरण है। मन्दिर की स्थापत्य कला द्रविड़ शैली की है जो कि उस समय की इमारतों और संरचनाओं में काफी सामान्य था। इसलिये मन्दिर की दीवार तथा खम्भों पर कई अर्द्ध पशु देवी-देवताओं खुदे हैं।
शानदार स्थापत्य कला के साथ मन्दिर अपने विमान या लाट के लिये जाना जाता है जो अप्रकाशित छोटे मन्दिर के ठीक ऊपर है। मन्दिर में कई ऐसे पैनल भी हैं जिनपर भगवान शिव की मूर्ति को नटराज के रूप में तराशा गया है।