पुराने कौशाम्बी का इतिहास, रामायण और महाभारत के काल का है। यह जगह, महाभारत के 16 वें क्षेत्रों में से एक है जो वत्स महाजनपाद की राजधानी हुआ करती थी। इस स्थल का उल्लेख रामायण और महाभारत, पुराणों में भी मिलता है, इसकी स्थापना एक चेदी...
शीतला माता मंदिर, गंगा नदी के तट पर इलाहबाद के पश्चिम में 69 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर, हिंदू धर्म में महिला शक्ति के सर्वोच्च अवतार देवी सती पार्वती को समर्पित है। यह एक लौकिक महत्व रखने वाला शक्तिपीठ है। भारत में कुल 51 शक्तिपीठ थे जिनमें से...
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि दुर्गा देवी मंदिर, माता दुर्गा को समर्पित है जो महिला शक्ति और अपराजेयता की प्रतीक है। देवी दुर्गा की कई भुजाएं हैं और हर भुजा में वह एक अनोखा और अलग शस्त्र पकडे हुए है। वह शेर की सवारी करती है। उनके कई अवतारों में...
कामासीन देवी मंदिर, एक गांव में एक तालाब के किनारे स्थित है जिसे गमभीरा पूर्व के नाम से जाना जाता है, यह स्थल कौशाम्बी जिले के प्रशासनिक मुख्यालय के महाजनपुर में शहर के पश्चिम में 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर एक पसंदीदा गंतव्य...
हिंदू धर्म में भगवान राम की छवि, एक दुलारा प्रतीकात्मक है जिन पर लोगों की आस्था है, विश्वास है। धर्म, संस्कृति और परंपराओं में भगवान राम का अह्म दर्जा है, लोगों के दिल और आत्मा में वह निहित है। यही कारण है कि भगवान राम का कहीं भी कोई मंदिर...
गोसित राम विहार या मठ का बौद्ध धर्म ग्रंथों में श्रद्धामय उल्लेख मिलता है। यह स्थल बौद्ध धर्म के तीर्थयात्रियों के लिए क्षेत्र के मुख्य आकर्षणों में से एक है। इस मठ का निर्माण भगवान बुद्ध के जीवनकाल के दौरान करवाया गया था। इसे एक व्यापारी...
दिगम्बर जैन मंदिर को जैन धर्म के 6 वें तीर्थांकर पद्म प्रभा को समर्पित करते हुए बनाया गया है, यह मंदिर पूरे देश में जैन समुदाय के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यहां का श्वेताम्बर मंदिर, भगवान महावीर के अस्तित्व को बयां करता है।...