कुरुमा कोणार्क पर्यटन का अनोखा आकर्षण है। कुरुमा एक छोटे से गाँव का नाम है जो कोणार्क के सूर्य मन्दिर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। 1971 से 1975 के बीच हुई खुदाई के बाद ही इस छोटे से स्थान को प्रसिद्धि मिली। इस खुदाई में ऊँची दीवारें, हेरुका या घर्म, सूर्य देव तथा बुद्ध के प्राचीन चित्र प्राप्त हुये। उस समय से ही यह स्थान बौद्ध तीर्थ स्थल के रूप में मशहूर हुआ।
इस स्थान को 9वी से 10वीं शताब्दी का निर्मित माना जाता है और ऐसा विश्वास है कि यह बौद्ध मठ था। यहाँ से प्राप्त बुद्ध की मूर्ति पालथी की मुद्रा में है। मूर्ति का दाहिना हाथ भूमिस्पर्श मुद्रा में है जबकि बाँया हाथ घुटनों पर स्थित है।
चित्र सजावटी है जिसमें एक सुन्दर मुकुट के साथ-साथ शानदार रूप से नक्काशी वाला हार भी है। हलाँकि कि मठ को त्याग दिया गया है लेकिन अभी भी यहाँ पर्यटक रोजाना आते हैं।