महादेव का दूसरा नाम भगवान शिवा भी है। स्थानेश्वर महादेव मंदिर, में भगवान शिव की शिवलिंग बनी हुई है और यह मंदिर, कुरूक्षेत्र के पवित्र स्थल थानेसर में बना हुआ है। यह मंदिर काफी प्राचीन है जो पांडवों के समय से ही अस्तित्व में है। इसी मंदिर में पूजा करके पांडवों को महाभारत के युद्ध में कौरवों पर जीत का वरदान प्राप्त हुआ था।
स्थानेश्वर शहर, हर्षवर्द्धन के शासनकाल में उनके साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। इस मंदिर को क्षेत्रीय शैली की वास्तुकला में बनाया गया है और इसकी सज्जा एक गुंबद से निखरकर सामने आती है। इस मंदिर के परिसर में एक कुंड भी है जो अत्यंत गुणकारी है।
किंवदंतियों के अनुसार, राज बान कुष्ठ रोग से पीडि़त थे, तो उन्हे इस कुंड में स्नान करने से औषधीय लाभ मिलने की सलाह दी गई और ऐसा करने पर वह कुष्ठ मुक्त हो गए। आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग, इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते है और यहां के जल में स्नान करते है ताकि उनके सभी रोग व कष्ट दूर हो जाएं।
ऐसा कहा जाता है कि महान ब्राह्मण योद्धा, भगवान परशुराम ने इसी जगह पर क्षत्रियों को पराजित कर दिया था। इस पवित्र स्थल का दौरा सिक्खों के 9 वें गुरू गुरू तेग बहादुर ने किया था और गुरूद्वारा नवी पादशाही को भी इसी दौरान में बनवा दिया गया था।