लाडनू शहर में स्थित उमरशाहपीर दरगाह सबसे प्राचीन दरगाह है। दरगाह मूल रूप से एक सूफी इस्लामी मंदिर है जो एक प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्ति की कब्र पर बनाया गया है। पर्यटक यहां इस्लामी वर्ष 772 हिजरी के लिखे शिलालेख देख सकते हैं।
लाडनू से 37 किमी की दूरी पर स्थित सालासर धाम के रूप में जाना जाने वाला सालासर बालाजी एक बड़ी आस्था वाला धार्मिक स्थल है। यह मंदिर हिंदू देवता हनुमानजी को समर्पित है जो बालाजी के नाम से लोकप्रिय हैं। चैत्र (मार्च) और अश्विन (सितंबर और अक्टूबर) माह में पूर्णिमा के...
तालछपर अभयारण्य, लाडनू से 25 किमी दूर है। यह अभयारण्य भारत के सबसे खूबसूरत हिरण, 'ब्लैक बक्स' के वास के लिए मशहूर है। हरे-भरे बबूल और प्रोसोपिस के वृक्षों की उपस्थिति अभयारण्य को बिल्कुल किसी सवाना प्रदेश का रूप प्रदान करती है। यहां स्थित कुछ तालाब जानवरों के लिए...
दिगंबर जैन बाड़ा मंदिर लाडनू का एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण है। यह मंदिर जैन तीर्थंकरों की सुंदर मूर्तियों, उत्कीर्ण खंभे, कला एवं प्राचीन जैन पांडुलिपियों के दुर्लभ संग्रह के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के एक दरवाजे पर लिखे शिलालेख के अनुसार, इसका निर्माण सन 1136 में...
लाडनू में स्थित जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय एक प्रसिद्ध शैक्षिक संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1970 में हुई थी। पहले यह जैन विश्व भारती संस्थान के नाम से जाना जाता था।इस अधिगम केंद्र की स्थापना जैन टेरापंथ प्रमुख आचार्य तुलसी द्वारा की गयी थी।इसका विशाल परिसर एवं...