मलिकु द्वीप जिसे मिनिकॉय या मलिकु एटोल के नाम से भी जाना जाता है, लक्षद्वीप द्वीप समूह का दक्षिणी द्वीप है। ऐतिहासिक दृष्टि से आज एक अलग राष्ट्र के रूप में जाने जाना वाला मालदीव का एक हिस्सा है, मिनिकॉय दोनों तरह से जैसे सांस्कृतिक और भाषायी समानताएं मालदीव के साथ रखता है।
यह एक अपेक्षाकृत छोटा द्वीप है जो लंबाई में 10 किलोमीटर के आसपास है और इसके विस्तृत क्षेत्र 1 किलोमीटर के आसपास है। इस द्वीप को 1976 में भारत और मालदीव के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत को सौंपा गया था। 1982 में मालदीव के उच्च नेताओं द्वारा कुछ टिप्पणी करने के कारण कुछ समय के लिए ये स्थान विवाद केंद्र था, लेकिन यह मामला जल्दी ही सुलझाया दिया गया था।
ये द्वीप प्रमुखतः नारियल के पेड़ों के साथ लगभग पूरी तरह से ढाका हुआ है इस जगह के उत्तर में स्थित रेत इस जगह को एक यादगार और अद्भुत छुट्टी मनाने का स्थान बनाती है। इस द्वीप पर मिलने वाला खाना और यहाँ का मनोरम माहौल अपने आप में लाजवाब है या यूँ भी कहा जा सकता है की ये एकंतमय उष्णकटिबंधीय लक्ष्यद्वीप की तरफ से आने वालों को तोहफा है। अगर आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार यहाँ जरूर आइये ये जगह आपको निराश नहीं करेगी ।