मदनापल्ली एक छोटा सा कस्बा है जो दक्षिण भारतीय राज्य आन्ध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के अन्तर्गत आता है। इस स्थान की उत्पत्ति के सम्बन्ध में कई लोककथायें प्रचलित हैं। लेकिन इनमें से सबसे विश्वस्नीय यह बात लगती है कि कस्बे को प्राचीन काल में मर्यादा रामन्ना पत्तनम कहा जाता था। 19वीं शताब्दी के अन्त में यह मदनापल्ली के नाम से जाना जाने लगा।
इस स्थान के सम्बन्ध में रोचक लोककथाओं के अलावा, मदनापल्ली देश के सबसे बड़े राजस्व क्षेत्र के रूप में भी विशिष्ट है। वास्तव में यह चित्तूर जिले का ड्योढ़ा राजस्व देता है। कई लोगों को यह पता नहीं है कि यह कस्बा कृषि गतिविधियों में तेजी से उभर रहा है। यह क्षेत्र उच्च गुणवत्ता वाले सब्जियों तथा फलों के उत्पादक कृषि क्षेत्रों के लिये जाना जाता है। इस स्थान के चमाटर बहुत स्वादिष्ट होते हैं।
इस शहर का अपना रेलवेस्टेशन है और हॉर्सले हिल्स के कारण लोकप्रिय पर्यटक स्थल है। ये पहाड़ियाँ गर्मियों के दौरान आन्ध्रप्रदेश की चिलचिलाती गर्मी से राहत देती हैं। हॉर्सले हिल्स पर स्थानीय लोग गर्मियों की छुट्टियाँ बिताते हैं। यह स्थान ऐनी बेसेन्ट के नाम पर नामित बेसेन्ट थियोफिकल कॉलेज के लिये भी प्रसिद्ध है।
जिद्दू कृष्णमूर्ति का जन्म स्थान
मशहूर दार्शनिक जिद्दू कृष्णमूर्ति का जन्म मदनापल्ली शहर में ही हुआ था और उनके निवास को उनके प्रशंसकों द्वारा तीर्थस्थल के रूप में माना जाता है। वे प्रसिद्ध ऋषि वैली स्कूल के संस्थापक हैं।
राष्ट्रीय महत्व का स्थान – मदनापल्ली और इसके आसपास के पर्यटक स्थल
ऐसा माना जाता है कि मदनापल्ली में ही रवीन्द्रनाथ टैगोर जी ने भारतीय राष्ट्रगान को बंगाली से अंग्रेजी में अनुवादित किया था और सुर प्रदान किये। मदनापल्ली दो और चीजों के लिये प्रसिद्ध है, एक तो यहाँ की उच्च गुणवत्ता वाली रेशम की साड़ियाँ और दूसरा शहर के नजदीक ही स्थित हॉर्सले हिल्स नामक हिल स्टेशन। मदनापल्ली उन पर्यटकों को आमन्त्रण देता है जो लोग गर्मियों की छुट्टियाँ बिताना चाहते हैं और रोमांचक खरीददारी करना चाहते हैं।
मदनापल्ली का मौसम
इस क्षेत्र का मौसम सर्दियों के महीनों को छोड़कर साल भर गर्म होता है, इसलिये सर्दियों का मौसम ही यहाँ आने का आदर्श समय है।
मदनापल्ली कैसे पहुँचें
यह शहर अन्य स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ा है और यहाँ तक सड़क या रेल मार्ग द्वारा आया जा सकता है। तिरूपति (115 किमी), बैंग्लोर (157 किमी), चित्तूर (93 किमी) और पुटापारथी (125 किमी) मदनापल्ली के आसापास के कुछ महत्वपूर्ण स्थल हैं।