पानीगिरी नलगोंडा शहर से 100 किमी दूर स्थित एक बौद्ध स्थल है। यह जगह हाल ही की खोज है, जब आंध्र प्रदेश के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने इस स्थान पर खुदाई करवायी, तब यह स्थल निकला। पानीगिरी में एक विशाल इमारत है, जिसमें एक बड़ा स्तूप और दो बड़े हॉल हैं, जिनके अंदर दीवारों पर स्तूप बने हुए हैं।
इस जगह के विशाल आकार को देखकर कोई भी कह सकता है कि यह कभी प्रमुख बौद्ध स्थल रहा होगा। अद्वितीय आकृति वाले परिसर के फर्श पर दो बड़े पैरों के निशान हैं और माना जाता है कि पैर के निशान स्वयं भगवान बुद्ध के हैं। परिसर में विहार के रूप में जाना बौद्ध भिक्षुओं के तीन निवास स्थान हैं।
पानीगिरी बौद्ध स्थल एक पहाड़ी की चोटी पर खड़ा है, जिसका नाम नाग फन पहाड़ी के रूप में लोकप्रिय है। पहाड़ी का यह नाम इसलिये पड़ा क्योंकि इसकी आकृति एक नाग के फन की याद दिलाता है।