इस मंदिर का वर्णन पुराण में है। यह मंदिर अनोखा है क्योंकि यहाँ के देवता नाग वासुकी हैं और इनकी पत्थर की मूर्ती मंदिर के मध्य में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि 10वीं शताब्दी में भी यहाँ पर एक मंदिर हुआ करता था। हालांकि, इस मंदिर की संरचना कहती है कि यह 18वीं शताब्दी से पुराना नहीं है। यह मंदिर पूरे साल पर्यटकों को आकर्षित करता है और खासकर नाग पंचमी के दौरान यहाँ पर वार्षिक मेला का आयोजन भी होता है।