साईं नदी उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ ज़िले से होकर गुज़रती है। हिन्दुओं के द्वारा पवित्र मानी जाने वाली इस नदी का वर्णन पुराण और तुलसीदास के रामचरितमानस में भी पाया जाता है। वास्तव में, पुराण में इसे आदि गंगा के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब है पुरानी गंगा।
...इस मंदिर का वर्णन पुराण में है। यह मंदिर अनोखा है क्योंकि यहाँ के देवता नाग वासुकी हैं और इनकी पत्थर की मूर्ती मंदिर के मध्य में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि 10वीं शताब्दी में भी यहाँ पर एक मंदिर हुआ करता था। हालांकि, इस मंदिर की संरचना कहती है कि यह 18वीं शताब्दी...
1978 में बना कोट मोनेस्ट्री, रंजीतपुर में स्थित है जो प्रतापगढ़ शहर के काफी पास है और प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इस परिशर में मोनेस्ट्री और बुद्ध मंदिर है जो पर्यटकों के लिए सुबह 6 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। यहाँ पर बुद्ध पूर्णिमा और...
घुश्मेश्वर नाथ धाम प्रतापगढ़ के लालगंज अजहारा ज़िले में स्थित है। असल में इस शहर को हमेशा इस मंदिर की वजह से एक तीर्थस्थान की तरह देखा गया है। दन्त कथा के अनुसार भगवान राम रामायण काल में इस जगह से गुज़रे थे। तुलसीदास के रामचरितमानस में यहाँ पाए जाने वाले अनोखे...
भयहरण नाथ मंदिर भारत का सबसे पुराना शिवलिंग मंदिर है। बकुलाही नदी के तट पर कटरा गुलाब सिंह नाम के गाँव में स्थित यह मंदिर उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर में शिवलिंग की स्थापना पांडव भाइयों में से एक भीम ने महाभारत के...
प्रतापगढ़ का ज़िला मुख्यालय है बेला प्रतापगढ़। इसका नाम साईं नदी के तट पर बसे बेला भवानी मंदिर पर पड़ा है। ऐसा कहते हैं कि भगवान राम शाम को इस नदी के पास से गुज़रे पर पहले यहाँ पर रूककर देवी के दर्शन किये। काफी समय बाद इस जगह पर बेला भवानी मंदिर का निर्माण हुआ।...