रूद्रापाद मंदिर, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान शिव के बांए पैर के छाप है। मंदिर में भगवान शिव के रूद्र रूप की पूजा की जाती है। रूद्र का अर्थ होता है - भगवान शिव का क्रोध रूप और पाद का अर्थ होता है - पैरों के निशान।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस स्थल पर दानव राजा को भगवान शिव ने अपना असली रूप वानासुर के रूप में दिखाया था। हालांकि, पुरातात्विक सबूतों के अनुसार, इस मंदिर को शिव सिंह के द्वारा 1730 के आसपास बनवाया गया था। मंदिर में एक पत्थर की स्लेट पर पद्चिन्ह् रखे है और इस मंदिर में संरक्षित है।
रूद्रापाद मंदिर में मनाएं जाने वाले मुख्य त्यौहारों में सबसे प्रमुख त्यौहार महाशिवरात्रि है। यह मंदिर, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे पर स्थित है, यहां से इस छोटे से मंदिर का दृश्य शानदार नज़र आता है। तेजपुर में इस नदी का सबसे अच्छा दृश्य व रूप देखने को मिलता है।