प्रकृति प्रेमी कुछ ही जगहों पर घुमने जाते है और बोर हो जाते है। अरे जनाब, थोड़ा सा नजर घुमाइए और नेचर के सबसे करीबी शहर ठाणे में आ जाइए। इस शहर को झीलों का शहर कहते है। 150 वर्ग किमी. के इस क्षेत्र में 30 झीलें है। ठाणे शहर, महाराष्ट्र राज्य में मुम्बई के उत्तरी-पूर्वी भाग में स्थित है। 24 लाख की आबादी वाला यह शहर, सालसेटे द्धीप पर बसा हुआ है। समुद्र तल से सात मीटर की ऊंचाई पर बसा ठाणे, चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस शहर को श्री सथांनक के नाम से भी जाना जाता है।
ठाणे का इतिहास
भारतीय इतिहास के पन्नों पर ठाणे का महत्वपूर्ण स्थान है। ठाणे की उत्पत्ति और खोजकर्ता के बारे में कुछ खास पता नहीं चला। 135 ई. से 159 ई. के दौरान ग्रीक के जियोग्राफर पोटेलेमी द्वारा लिखे गए पत्रों में इस जगह को चेरसोनिसस कहा गया था। कुछ अन्य दस्तावेजों के अनुसार, 1321 ई. से 1324 ई. तक ठाणे को मुस्लिम साम्राज्य के अधीन बताया गया। इसके बाद पुर्तगालियों ने ठाणे में बसेरा बसाया। मराठों ने पुर्तगालियों को भगाकर खुद को वहां का शासक बना लिया लेकिन ब्रिटिश शासकों ने ठाणे पर कब्जा करके इसकी रूपरेखा ही बदल दी। 1863 में ठाणे को पहला नगर परिषद मिला।
ठाणे जाकर यह देखना न भूलें
ठाणे में पाई जाने वाली अनगिनत झीलों की वजह से यह शहर लेक सिटी के नाम से जाना जाता है। इस पूरे क्षेत्र में 30 झीलें पाई जाती है जो बेहद सुंदर है। इस सभी में से सबसे खुबसूरत झील मसुंदा तालाव है जिसे स्थानीय लोग तलाव पल्ली के नाम से जानते है। इस झील में नौका विहार और कई प्रकार के पानी के गेम्स खेले जा सकते है। इसके अलावा उनवन झील भी काफी सुंदर है जो येउर पहाडि़यों और नीलकंठ हाइट्स के बीच स्थित है। यहां का संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान भी आकर्षक साइट है जो वन्य जीव प्रेमियों और प्रकृति पसंद लोगों को खासा पंसद आता है। काशी मीरा यहां का मनोरम गंतव्य स्थल है।
ठाणे का हर हर गंगे झरना भारत का सबसे बड़ा और कृत्रिम झरना है। यहां आने वाले श्रद्धालु वर्ग के लिए अम्बरनाथ मंदिर दर्शनीय है जो हेंमदवाथी शैली में बना हुआ है। इमिहास प्रेमी यहां के बेसिन फोर्ट और जवाहर पैलेस में जरूर आएं। परिवार के साथ आने के लिए यह जगह उत्तम है। यहां आकर ट्रैकिंग जैसे एडवेंचर गेम्स का मजा भी उठाया जा सकता है। यहां की मराठी संस्कृति लोगों को रास आती है। ठाणे गणेश चतुर्थी, गोकुल अष्टमी, दुर्गा पूजा और अन्य त्योहारों पर यहां के लोग धूमधाम से नाच गाना करते है।
ठाणे के बारे में कुछ अतिरिक्त बातें
ठाणे की जलवायु मुंबई की तरह नम और उष्णकटिबंधीय है जो साल भर पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां गर्मियों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। बारिश के दिनों में यहां होने वाली रिमझिम बरसात से सारी झीलें और तालाब भरे रहते है। वर्ष के अन्त में यहां सर्दी का मौसम होता है जब तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। यहां आने के लिए मुम्बई तक पहुंच जाएं। प्लेन से आने वाले पर्यटकों को पहले मुम्बई ही उतरना होगा जहां से वह टैक्सी के द्वारा ठाणे तक पहुंच सकते है। रेल से आने वाले यात्री सीधे ठाणे तक आ सकते है और शहर में घूमने के लिए बस का चुनाव कर सकते है। असुविधा महसूस करने वाले यात्री निजी वाहन भी किराए पर ले सकते है।