तंजावुर में आर्ट गैलरी 1600 ई. की बनी हुई है, इसके अलावा यहां दक्षिण भारत में विभिन्न मूर्तियों व चित्रों की एक विस्तृत श्रंखला मौजूद है। यह सब तंजावुर पैलेस में स्थित हैं। इसकी वास्तुकला गजब की है। तंजावुर आर्ट गैलरी व्यापक रूप से उन कलाकृतियों, अवशेषों और कांस्य मूर्तियों की बड़ी रेंज के लिए प्रसिद्ध है, जो 9 वीं से 12 वीं सदी की अवधि के दौरान अस्तित्व में रही प्रमुख कलात्मक जागरूकता का नमूना है।
इनमें से कईयों को अनेक मंदिरों से तंजावुर जिले में लाया गया है। इन अवशेषों में से कुछ को चोरी हो जाने के डर से मिट्टी में दबा दिया गया था। गैलरी को तीन वर्गों - इंदिरा मंदिर, पूजा महल और राम चौधाम हॉल में बांटा गया है। राम चौधाम हॉल में पीतल की मूर्तियों और चित्रों का संग्रह है, जबकि पूजा महल में पत्थर की मूर्तियां, इंदिरा मंदिर में शस्त्रागार और भगवान के विभिन्न रूपों को प्रदर्शित किया गया है।