यदि आप त्युएनसांग में नागाओं की किवदंतियों के बारे में जानना चाहते है तो आपको लोंग्त्रोक गाँव अवश्य जाना चाहिए। लोंग्त्रोक का शाब्दिक अनुवाद है ‘छह पत्थर’ है और आपको यहाँ छह पत्थर या संगतम देखने मिलेगा। नागाओं का ऐसा विश्वास है कि ये पत्थर उनके पवित्र प्राचीन भगवान् के अवतार हैं, जिन्होंने अन्य पत्थरों को जन्म दिया और वे अलग अलग स्थानों पर चले गए।
आजकल यह त्युएनसांग के जीवंत पत्थरों के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ आप त्सोंग्लियांगती एवं चुन्लियांगती सभ्यताओं की वस्तुएं देख सकते हैं यह स्थान त्युएनसांग से 57 किमी दूर स्थित है और ये वो स्थान है जहाँ आप सबसे बड़ी नागा जनजाति एओ जनजाति से मिलेंगे जो इन पहाडो पर कई पीढीयों से चल रही हैं। यह स्थान आपको नागाओं के जीवन एवं उस समय की एक झलक दिखाता है जब वे एक बड़े परिवार के रूप रहते थे।