यह आश्रम वड़ोदरा शहर के डांडिया बाजार में स्थित है। ऋषि अरविंदो घोष कभी सयाजीराव तृतीय के निजी सचिव और बड़ौदा कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर व उप-प्राचार्य थे। यही बड़ौदा कॉलेज आज एमएस यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। गुजरात में रहने के दौरान वह इसी आश्रम में रहते थे। बाद में वह स्वतंत्रता सैनानी से योगी बन गए थे। आश्रम में उनके अवशेष देखे जा सकते हैं और चिंतन के लिए यह सभी के लिए खुला रहता है।