वलसाड़ गुजरात का एक तटवर्ती जिला है। इसके नाम की उत्पत्ति ‘वड़-साल’ से हुई है, जिसका अर्थ होता है- बरगद (वड़) के वृक्ष की भरमार। यह स्थान बरगद के पेड़ों से भरा पड़ा है। वलसाड़ ही वह जगह है जहां के संजान बंदरगाह के जरिए सबसे पहले पारसी आए थे। वलसाड़ अरब सागर, नवसारी व डांग जिला और महाराष्ट्र से घिरा हुआ है।
वलसाड़ और आसपास के पर्यटन स्थल
वलसाड़ में तीथल समुद्री किनारा, स्वामी नारायण मंदिर, साई बाबा मंदिर, शांतिधाम मंदिर, परनेरा किला और ताड़केश्वर महादेव मंदिर सहित कई पर्यटन स्थल हैं। यहां के एक मंदिर का नाम ताड़केश्वर इसलिए पड़ा, क्योंकि इसमें छत नहीं है और सूर्य की रोशनी निरंतर शिवलिंग पर पड़ती रहती है। साथ ही यह मंदिर अलग-अगल तरह के शिवलिंग के लिए भी चर्चित है।
परनेरा का किला छत्रपति शिवाजी द्वारा बनवाया गया था। इसके अलावा यहां का परनेरा हिल्स भी काफी प्रसिद्ध है। इस पहाड़ी पर हर साल एक मेले का आयोजन किया जाता है। तीथल समुद्री किनारा काले बालू के लिए जाना जाता है। वलसाड़ के पुलिस मुख्यालय में एक ऐतिहासिक कारागार भी है। इन सब के बीच वलसाड़ अल्फोंसो आम के लिए भी जाना जाता है, जिसे स्थानीय लोग हापूस के नाम से जानते हैं।
कैसे पहुंचें
मुंबई, अहमदाबाद और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों से वलसाड़ ट्रेन के जरिए जुड़ा हुआ है। वहीं वलसाड़ में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पहुंचने के लिए बसें और ऑटो रिक्शा उपलब्ध रहते हैं।
वलसाड़ का मौसम
वलसाड़ में पूरे साल मौसम खुशगवार ही बना रहता है।