अगुम्बे - किंग कोबरा का घर
अगुम्बे शिमोगा जिले के तीर्थहल्ली तालुक में है। कन्नड़ के महान कवी कुवेम्पु इसी स्थान से है। इसे मलनाड प्रदेश भी कहा जाता है। यह प्रसेश अपनी हरियाली और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। यह दक्षिण भारत का एक मात्र स्थान है जहाँ वर्षा सब से अधिक होती है। अगुम्बे के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य अगुम्बे के......
आइज़ोल - हाइलैंडर्स की भूमि
आइज़ोल, पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में से एक मिज़ोरम की राजधानी है। आइज़ोल एक सुंदर शहर है जो खड़ी पर्वत श्रेणियों, पहाडि़यों और घाटियों के बीच फैला हुआ है। सदियों पुराना यह शहर समुद्रतल से 1132 मी. ऊपर है और उत्तर में दुर्तलैंग की राजसी चोटियों से घिरा हुआ है। कई सालों से यहाँ बहने वाली तलौंग......
अल्मोड़ा - जहां प्रकृति भी खुद पर इतराती है
सुयाल और कोसी नदी के बीच 5 किमी लंबी घोड़े की पीठ के आकर की पहाड़ी पर बसा अल्मोड़ा कुमाऊं क्षेत्र का बेहद चर्चित हिल स्टेशन है। हरे भरे सुंदर जंगलों से घिरा यह शहर समुद्र तल से 1651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां चंद वंश और कत्यूरी वंश ने 15वीं और 16वीं शताब्दी में शासन किया था। अल्मोड़ा की......
अलोंग - खूबसूरत घाटियों का शहर
पश्चिमी सियांग जिले के पहाड़ों के बीच स्थित अलोंग एक खूबसूरत सा कस्बा है, जो छोट-छोटे गांवों से मिलकर बना है। यह कस्बा असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास सियांग नदी की दो सहायक नदी योमगो और सीपू के किनारे पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 300 मीटर है। अलोंग की प्राकृतिक सुंदरता बेजोड़......
अम्बाजी पर्यटन - देवी का घर
अम्बाजी प्राचीन भारत का सबसे पुराना और पवित्र तीर्थ स्थान है। ये शक्ति की देवी सती को समर्पित बावन शक्तिपीठों में से एक है। गुजरात और राजस्थान की सीमा पर बनासकांठा जिले की दांता तालुका में स्थित गब्बर पहाड़ियों के ऊपर अम्बाजी माता स्थापित हैं। अम्बाजी में दुनियाभर से पर्यटक आकर्षित होकर आते हैं,......
अंबोली - एक छोटा सा हिल स्टेशन
अंबोली, महाराष्ट्र राज्य में लगभग 700 कि.मी. की ऊँचाई पर बना एक सुंदर व छोटा सा हिल स्टेशन है। यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सह्याद्री पर्वतमाला में बना है जो सिंधुदुर्ग जि़ले में है। अंबोली - ऐतिहासिक महत्व ब्रिटिश शासन के दौरान अंबोली शहर का उपयोग एक ऊँची पोस्ट के रुप में होता था जहाँ से मध्य व......
अंतरगंगे - एक पूर्णतया साहसिक स्थल
अंतरगंगे एक ऐसा स्थान है जो की निश्चित रूप से साहसिक लोगों को लुभाता है। अंतरगंगे वास्तव में एक बारहमासी वसंत है जो पहाड़ियों पर कर्नाटक में कोलार जिले के पूर्व में स्थित है। यहाँ की वसंत कुछ बड़े पैमाने पर रॉक संरचनाओं को छोटी और बड़ी गुफाओं के रूप में दिखाती है। इस चट्टानी पहाड़ी के नीचे देखने......
अराकू घाटी पर्यटन - आंध्र प्रदेश का हिल स्टेशन
अराकू घाटी आंध्र प्रदेश के दक्षिण भारतीय राज्य में विशाखापट्टनम जिले में एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। शहर पूर्वी घाट के खूबसूरत स्थलों के बीच स्थित है और इसका एक समृद्ध सांस्कृतिक के साथ ही पारंपरिक अतीत है। यह जगह शायद दक्षिण में सबसे खूबसूरत हिल स्टेशन है, क्योंकि यह अभी भी पर्यटन के व्यवसायीकरण......
अरितार - जहां मिलती है मन को शांति
कुदरती खूबसूरती और समृद्ध इतिहास को अपने आप में समेटे पूर्वी सिक्किम का हिस्सा है अरितार। लुभावनी झील, घने जंगल, खूबसूरत पहाड़ियां और चावल के खेत यहां आने वाले सैलानियों को स्वर्ण में होने का आभास कराते हैं। प्रकृति की गोद में बसे अरितार में सुबह का नजारा लोगों को अचरज में डाल देने वाला होता है।......
औली - आइये और स्कीइंग का लुत्फ़ लीजिये
औली एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पूरी दुनिया में स्कीइंग के लिए प्रसिद्ध है। यह खूबसूरत जगह समुद्रतल से 2800मी. ऊपर स्थित है। यह जगह ओक धार वाली ढलानों और सब्ज़ शंकुधारी जंगलों के लिए जानी जाती है। औली का इतिहास 8वीं शताब्दी में पाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, गुरु आदि शंकराचार्य इस पवित्र......
बीआर पर्वतीय पर्यटन - मंदिरों एवं पर्वतीय शांति का शहर
बी आर हिल्स या बिलगिरी रंगना हिल्स पश्चिमी घाट की पूर्वी सीमा पर स्थित एक पर्वतीय श्रंखला है। पूर्वी और पश्चिमी घाट के मिलन बिन्दु पर स्थित यह श्रंखला एक विस्तृत पारिस्थितिकी तंत्र को जन्म देती है। बिलगिरी रंगना हिल्स का नामकरण एक श्वेत पर्वत की चोटी पर स्थित रंगास्वामी मंदिर के नाम पर पड़ा है।ये......
बारामुला – एक अध्यात्मिक निवास
बारामुला जिला जम्मू और कश्मीर राज्य के 22 जिलों में से एक है जिसे आगे 8 तहसीलों और 16 खण्डों में बांटा गया है तथा जो लगभग 4190 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह जिला पश्चिमी तरफ से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ अपनी सीमाओं को बांटता है। बारामुला, कुपवारा शहर के दक्षिण में और पुंछ और......
भागसू - जहां है मनमोहक प्रकृति
भागसू (भागसुनाग) हिमाचल प्रदेश के मक्लिओडगंज के करीब स्थित एक सुंदर पर्यटन स्थान है। यह स्थान अपने प्राचीन मंदिर और सुरम्य झरने के लिए प्रसिद्ध है। जगह के धार्मिक महत्व और धर्मशाला से अपनी निकटता के कारण, यह वर्ष भर पर्यटकों से भरा रहता है। भागसू के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक......
भीमाशंकर - एक ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर महाराष्ट्र राज्य में कर्ज़त के पास स्थित एक प्रसिद्द धार्मिक केंद्र है। भीमाशंकर भारत में पाए जानेवाले बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक होने के कारण विशेष रूप से प्रसिद्द है। इन बारह ज्योतिर्लिंगों में से पाँच महाराष्ट्र में स्थित हैं। 3,250 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह मंदिर पुणे शहर के पास......
भुज - राजहंसों का विश्राम गृह
भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ एक शहर है और यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे विशाल नाग भुजंग की जगह माना जाता है। उसे समर्पित एक मंदिर इस पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इतिहास भुज का पूर्व ऐतिहासिक दिनों......
बोमडिला पर्यटन- एक खू़बसूरत आनंद
समुद्र तल से 8000 फीट की ऊँचाई पर स्थित एक छोटा सा शहर बोमडिला अरुणाचल प्रदेश के सबसे अधिक मनोरम स्थानों में से एक है। विशाल पूर्वी हिमालय पर्वतमाला के प्राकृतिक परिवेश के बीच बसा बोमडिला यहाँ आने वालों के लिए एक आनंदमयी शांत शहर है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा बोमडिला बौद्ध मठों के लिए भी......
बोरदी - जहां जाकर होता है मन शांत
शापिंग करने का मन मुम्बई की गलियों और लोकल मार्केट में है लेकिन समुद्र का किनारा शांत और मन को हल्का कर देने वाला चाहिए। जहां वाटॅर गेम्स खेले जा सकें। तो आपको घूमने के लिए बोरदी जाना चाहिए। बोरदी, महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जिले में एक छोटे से शहर दहानू से लगभग 17 किमी. की दूरी पर स्थित है।......
चैल - रहस्मय प्रवास
चैल हिमाचल के सोलन जिले में स्थित है। समुंदरी तट से 2226 मीटर ऊँची और सध टिब पहाड़ी पर स्थित यह स्थान बहुत सुंदर है। लोर्ड़ किच्नर के आदेश अनुसार पटियाला के महाराजा, अधिराज भूपिंदर सिंह को शिमला से निर्वासित कर दिये गए, इसका बदला लेने के लिए उन्होंने चैल को अपनी गीष्मकालीन राजधानी बना कर यहाँ......
चौकोरी - जहां हैं पवित्र मंदिर
उत्तराखंड के पिठोड़गढ़ जि़ले में समुद्रतल से 2010 मी. ऊपर स्थित चौकोरी एक सुंदर हिल स्टेशन है। पश्चिमी हिमालय की पर्वतश्रंखला के पास स्थित यह जगह उत्तर में तिब्बत और दक्षिण में तराई से घिरी है। यह अद्भुत स्थान देवदार, बांज और रोडोडेंड्रोन के जंगलों से ढका हुआ है। मक्का के आकर्षक खेत और फलों के......
चेरापूँजी पर्यटन – भारत की बारिश घाटी
मेघालय को चेरापूँजी (जिसे स्थानीय रूप से सोहरा के नाम से लोकप्रिय है) के कारण पूरे विश्व में जाना जाता है। जब चेरापूँजी पृथ्वी पर सबसे नम स्थान होता है तो बहुत ही सम्मोहक होता है। लहरदार पहाड़, कई झरने, बांग्लादेश के मैदानों का पूरा दृश्य और स्थानीय जनजातीय जीवनशैली की एक झलक चेरापूँजी की आपकी......
चिकबल्लापुर पर्यटन - श्री विश्वेस्वराय का जन्मस्थान
चिकबल्लापुर कर्नाटक के नए चिकबल्लापुर जिले का जिला मुख्यालय है। यह जिलान पहले कोलार जिले का एक हिस्सा था, यहां कई आकर्षक पर्यटक आकर्षण हैं। चिकबल्लापुर शहर बैंगलोर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है और चिकबल्लापुर जिले का जिला मुख्यालय है। यह जिला इंजीनियर / राजनेता श्री विश्वेस्वराय का जन्म स्थान है,......
चिखालदारा - एक पौराणिक शहर
महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में स्थित शहर चिखालदारा धार्मिक महत्व वाला शहर है। यहां राज्य का सबसे अच्छा वन्यजीव अभयारण्य और एक मात्र कॉफी बागान है। चिखालदारा शहर की खोज 1823 में कप्तान रॉबिन्सन ने की थी जो हैदराबाद रेजीमेंट में तैनात थे। कहा जाता है कि कप्तान को इस जगह आकर अपने देश......
चिकमंगलूर पर्यटन- अशांतों के लिए एक बेहतर ठहरने योग्य गंतव्य
चिकमंगलूर टाउन कर्नाटक प्रांत में इसी नाम के जिले में स्थित है। यह क्षेत्र बड़ा लोकप्रिय है क्योंकि यहां कई एक पर्यटन स्थल हैं। चिकमंगलूर पर्वतीय व दलदली भूमि मलनाड के समीप स्थित है। चिकमंगलूर का अर्थ है- “छोटी बेटी की भूमि”। कहा जाता है कि यहां के एक पैसे वाले मुखिया नें चिकमंगलूर दहेज में अपनी......
चोपटा - प्रकृति जो करे थकान का निदान
चोपटा एक खूबसूरत पहाड़ी है जो की उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में समुद्री तल से 2680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित स्टेशन है। इस गंतव्य को मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी जाना जाता है। इसे ये उपाधि अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता और हरे भरे घास के मैदानों जिसे बुग्यल्स भी कहा जाता है, के लिए मिली है।......
चुंगथांग पर्यटन - पवित्र घाटी
चुंगथांग, उत्तर सिक्किम जिले का एक छोटा सा शहर है। लाचुंग चू और लाचेन चू नदियों के संगम पर स्थित चुंगथांग घाटी, युमथांग के काफी करीब है। सिक्किम का यह छोटा सा शहर बहुत पवित्र माना जाता है। इस स्थान पर प्रसिद्ध संरक्षक संत गुरु पद्मसंभव का आशीर्वाद है। अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध चुंगथांग में......
कुन्नूर पर्यटन - कभी न सोने वाली घाटी
कुन्नूर एक ऐसा हिल स्टोशन है जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के मानस पटल पर अमिट छाप छोड़ जाता है जिससे बचपन की साधारण और आश्चर्य कर देने वाली यादें ताजा हो जाती हैं। ऊटकामुण्ड के विश्वप्रसिद्ध हिल स्टेशन के निकट इस हिल स्टेशन पर आने के बाद आप यहाँ की वादियों में खो जायेंगे। समुद्र तल से 1850 मीटर की......
कूर्ग पर्यटन - पहाडि़यों और पेड़ों की नगरी
कुर्ग या कोडागु, कर्नाटक के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। कूर्ग, कर्नाटक के दक्षिण पश्चिम भाग में पश्चिमी घाट के पास एक पहाड़ पर स्थित जिला है जो समुद्र स्तर से लगभग 900 मीटर से 1715 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।कूर्ग को भारत का स्कॉटलैंड कहा जाता है और इसे कर्नाटक का कश्मीर भी कहा जाता......
डलहौजी - कालातीत आकर्षण
डलहौजी, हिमाचल प्रदेश में स्थित धौलधार रेंज में बना एक टूरिस्ट प्वांइट है। डलहौजी को सन् 1854 में एक ब्रिटिश गर्वनर लार्ड डलहौजी ने स्थापित किया था ताकि वह गर्मियों में सुकून भरे पल किसी ठंडी और शांत जगह पर बिता सकें। डलहौजी, पांच पहाडियों पर बना नगर है जिनके नाम काथलॉग, पोर्टएन, तेहरा,......
दार्जिलिंग - भारत में चाय का स्वर्ग
भारतीय फिल्मों में तो आपने दार्जिलिंग को कई बार देखा होगा। हॉलीवुड की भी एक फिल्म में विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को दिखाया गया है। यह एक छोटी रेलवे सेवा जो पर्वतों से होकर गुजरती है। इस सफर में आप विहंगम प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं। दरअसल दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में......
देहरादून पर्यटन - भारत का सबसे पुराना शहर
दून वैली के रूप में लोकप्रिय, देहरादून, उत्तराखंड राज्य की राजधानी है। गंतव्य समुद्र स्तर से 2100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है। देहरादून के पूर्व में गंगा नदी बहती है, जबकि यमुना नदी पश्चिम को बहती है। देहरादून का नाम 'देहरा' अर्थ 'शिविर' और 'दून' अर्थ......