कनक दुर्गा मंदिर इंद्रकीलाद्री पहाड़ की चोटी पर बना है। कृष्णा नदी यहीं से होकर बहती है। यह मंदिर शहर की देवी कनक दुर्गा को समर्पित है। महाभारत के पौराणिक कथाओं के अनुसार अर्जुन को यहीं पर शक्तिशाली अस्त्र पाशुपथ की प्रप्ति हुई थी, जिसके बाद उन्होंने देवी के नाम पर मंदिर का निर्माण करवाया।
एक अन्य कथा के अनुसार इस मंदिर को 12 शताब्दी में राजा पूसापति महादेव वर्मा के द्वारा बनवाया गया था, जिन्होंने आधुनिक विजयवाड़ा साम्राज्य की स्थापना की थी। वेदों की माने तो यह मंदिर स्वयंभू है, जिससे यह काफी शक्तिशाली है।
सरस्वती पूजा और थेपोत्सवम यहां मानाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। यह मंदिर रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप के काफी करीब है, जिससे यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।