पुर्तगाली जब सिलवासा में आकर बसे, जो कि वर्तमान मेंदादरा और नागर हवेली की राजधानी है, जो उन्होने अपनी अनूठी स्थापत्य कला के कुछ खास नमूने बनवाएं, जिनमें से यह चर्च एक है। यहां स्थित इस रोमन कैथोलिक चर्च को चर्च ऑफ अवर लेडी ऑफ पाईटी के नाम से भी जाना जाता है। यह चर्च जनजातीय संग्रहालय के सामने बस स्टैंड के पास स्थित है।
1886 से 1889 के दौरान इस चर्च का निर्माण करवाया गया था। इस चर्च को 27 अक्टूबर 1889 को आम जनता के लिए खोल दिया गया है। यह सिलवासा के सबसे प्राचीन चर्चो में से एक है जो दर्शकों को बीते समय की याद दिलाता है। शानदार संरचना और कलात्मक ढंग से बढ़ी गई मेहराब वाकई में देखने लायक है। चर्च का आंतरिक स्थापत्य बेहद सुंदर है।
यह चर्च, दुर्भाग्यवश 1912 के मानसून के दौरान क्षेत्र में आएं भूकम्प से क्षतिग्रस्त हो गया था। इसे बाद में नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया गया था और फिर जून 1924 में खोला गया था। वर्तमान में इसका संरक्षण पिला की सोसायटी के द्वारा किया जा रहा है। यहां दौरा किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से यह चर्च एक है। यहां पर्यटक भारी संख्या में आते है।