थॉर्नहिल मेन मेमोरियल भारत में ब्रिटिशकाल की याद दिलाता है। इसका निर्माण उस समय लेजिस्लेटिव एसेंबली की बैठक आयोजित करने के लिए किया गया था। बलुआ पत्थर से बने इस भवन में गौथिक शैली की नक्काशी और डिजाइन भी की गई है। वर्तमान में इसे एक पब्लिक लाइब्रेरी के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है, जहां छात्रों के अलावा इतिहासकार भी जानकारी जुटाने के लिए आते हैं।