गुरुद्वारा गुरू का महल विशाल हरमंदिर साहिब के पास स्थित है। इसे 1573 में अमृतसर के संस्थापक गुरू रामदास जी ने अपने परिवार के घर के तौर पर बनाया था। उनके बेटे गुरू अर्जुन देव जी का विवाह यहीं हुआ था और वह 5वें सिक्ख गुरू बने थे।
गुरू अर्जुन देव जी के बेटे गुरू हरगोविंद जी का आवास भी यही गुरुद्वारा था और उनका विवाह भी यहीं हुआ था। साथ ही यह गुरू हरगोविंद जी के बेटे बाबा अटल राय और गुरू तेज बहादुर जी का भी जन्म स्थान है।
बाद में गुरू हरगोविंद जी और उनके पिता ने इस पारिवारिक निवास स्थान को तीर्थस्थल में बदल दिया। गुरुद्वारा के अंदर एक बड़े से चौकोर सभागृह में पवित्र गुरू ग्रंथ साबिह रखा गया है। पर्यटक गुरू तेग बहादुर जयंती के मौके पर यह गुरुद्वारा घूमने जा सकते हैं।